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क्या है 'नरक' मिसाइल? जिसे ताबड़तोड़ बनाने में जुटा यूक्रेन; ट्रंप झटका दें, उससे पहले जेलेंस्की अलर्ट

यह लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल है। इसकी लंबाई लगभग दो मीटर है, जबकि इसका वजन लगभग 50 किलोग्राम है। इसमें जीपीएस तकनीक सहित उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग किया गया है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, कीवTue, 17 Dec 2024 04:11 PM
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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ समारोह से पहले यूक्रेन भी अलर्ट हो गया है और अपने सैन्य और हथियार जखीरों को मजबूत करने की योजना पर तत्परता से काम कर रहा है। यूक्रेनी समाचार आउटलेट प्राव्दा के मुताबिक कीव ने पेक्लो मिसाइल का उत्पादन तेज कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन महीने के अंदर यूक्रेन ने 100 से ज्यादा पेक्लो मिसाइल का उत्पादन किया है। पेक्लो को यूक्रेनी भाषा में नरक कहा जाता है। यानी यूक्रेन रूस पर खतरनाक हमले के लिए ताबड़तोड़ नरक मिसाइल बना रहा है।

दरअसल, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इस बात की आशंका है कि ट्रंप प्रशासन रूस के खिलाफ युद्ध में उन्हें सैन्य सहायता रोक सकता है। इसलिए कीव ने पेक्लो मिसाइल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है। इस बीच, जेलेंस्की ने घोषणा की है कि 2025 तक 1000 क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करने का उनका लक्ष्य है।

क्या है नरक मिसाइल

नरक मिसाइल यानी पेक्लो मिसाइल का निर्माण शुरू में एक ड्रोन मिसाइल के रूप में किया गया था लेकिन अब इसे क्रूज मिसाइल में तब्दील कर दिया गया है। यह लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल है। इसकी लंबाई लगभग दो मीटर है, जबकि इसका वजन लगभग 50 किलोग्राम है। इसमें जीपीएस तकनीक सहित उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग किया गया है। यह 700 किलोमीटर दूर स्थित टारगेट को आसानी से भेद सकता है और प्रति घंटे 700 KM की उड़ान भर सकता है। इस मिसाइल में एक छोटा वारहेड होता है। यह किसी भी सामान्य ड्रोन की तुलना में अधिक तेज उड़ सकता है और टारगेट को साध सकता है।

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मारक क्षमता के कारण ही इसे नरक मिसाइल कहा जाता है। यह 70 फीसदी यूक्रेनी घटकों से बना हुआ है। यूक्रेन के सुरक्षा बलों को सीमा पर दुश्मन देश के अंदर घुसकर मार करने वाली मिसाइल की जरूरत के हिसाब से इसका निर्माण किया गया है। सैन्य विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि अपनी उच्च गति के कारण पेक्लो 700 किलोमीटर तक की दूरी पर यूक्रेनी बलों के लिए कार्य कर सकता है, और कई तरह के लक्ष्यों को एकसाथ भेद सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मिसाइल का पहला स्केट अगस्त 2023 में तैयार किया गया था और तभी से ही यूक्रेन इसके उत्पादन में जुटा हुआ है।

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