क्या है फतह 360? जिससे बौखलाए UK-US, अचानक यूक्रेन क्यों पहुंचे दोनों देशों के विदेश मंत्री
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और ब्रिटिश समकक्ष डेविड लैमी यूक्रेनी राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए अचानक कीव पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि दोनों नेता इस दौरे के दौरान पश्चिमी देशों से और अधिक हथियार भेजने और रूस में उनके इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध हटाने पर चर्चा करेंगे।
रूस-यूक्रेन युद्ध में दोनों ही देश एक-दूसरे पर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। मंगलवार की रात जहां यूक्रेन ने रूस की राजधानी मॉस्को समेत दस शहरों पर 140 ड्रोन से हमला बोला, वहीं रूस ने पलटवार करते हुए बुधवार को 25 ड्रोनों से यूक्रेन पर हमला बोला है। रूसी सेना पूर्वी यूक्रेन में लगातार आगे बढ़ती जा रही है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पश्चिमी रूस में यूक्रेनी हमलों के बावजूद उसकी सेना पूर्वी यूक्रेन में 1,000 वर्ग किलोमीटर तक आगे बढ़ चुकी है।
इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और ब्रिटिश (UK) विदेश मंत्री डेविड लैमी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात करने के लिए अचानक एक साथ यात्रा कर कीव पहुंचे हैं। दोनों नेता पोलैंड के सीमावर्ती शहर प्रजेमिस्ल से रेल मार्ग से कीव पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि दोनों नेता इस दौरे पर पश्चिमी देशों से और अधिक हथियार भेजने और रूस की भौगोलिक सीमा के अंदर उनके इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंधों को हटाने पर चर्चा करेंगे। यूक्रेनी राष्ट्रपति पिछले कुछ महीनों से पश्चिमी देशों खासकर ब्रिटेन और अमेरिका पर लगातार दबाव बनाते रहे हैं कि उसे रूस के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की इजाजत दें लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसका विरोध करते रहे हैं।
अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों को लगता है कि इन घातक हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देने से दो परमाणु संपन्न देश (अमेरिका और रूस) आमने-सामने आ जाएंगे और विश्व युद्ध के हालात बन जाएंगे। इधर, ईरान ने रूस को छोटी दूरी की फतह-360 बैलिस्टिक मिसाइलों की बड़ी खेप भेजी हैं। इससे अमेरिका और ब्रिटेन समेत तमाम पश्चिमी देशों के बीच ये आशंका गहरा गई है कि रूस इन बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल यूक्रेन के उन इलाकों में कर सकता है, जो अब तक जंग में अछूते रहे हैं और जहां रूसी सैनिक नहीं पहुंच सके हैं।
यूरोप के लिए भी खतरा
बता दें कि पश्चिमी देशों की बार-बार चेतावनी और प्रतिबंधों की धमकी के बावजूद ईरान ने रूस को फतह-360 मिसाइलों की खेप भेजी हैं। ब्रिटेन के दौरे पर हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस बात की भी आशंका जताई है कि रूस को तेहरान से मिली बैलिस्टिक मिसाइलों ने पूरे यूरोप के लिए खतरा पैदा कर दी हैं। ब्लिंकन ने ये भी कहा कि ईरान अब मध्य-पूर्व से आगे निकलकर दुनिया के दूसरे हिस्से में भी अशांति पैदा करने की कोशिशों में जुट गया है। अमेरिका ने इस बात की भी पुष्टि की है कि तेहरान ने हाल ही में फतह-360 बैलिस्टिक मिसाइलों के संचालन के लिए रूसी सैनिकों को प्रशिक्षण दिया है। अमेरिका को डर है कि रूस आगामी हफ्तों में यूक्रेन पर फतह-360 का इस्तेमाल कर सकता है।
क्या है फतह-360 मिसाइल?
फतह-360 मिसाइल को SRBM-120 के नाम से भी जाना जाता है। SRBM माने शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल। ईरान द्वारा निर्मित यह मिसाइल छोटी और हल्की है। इसे ट्रक पर इन्स्टाल्ड लांचरों से दागा जा सकता है। ये मिसाइलें अपने सटीक निशाने के लिए जानी जाती हैं। इस मिसाइल को हवा में ट्रेस करना मुश्किल होता है। FATH-360 ठोस ईंधन वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि इसकी मारक क्षमता 19 से 75 मील के बीच है। फतह दुश्मन के सैन्य ठिकानों और बुनियादी ढांचों को ध्वस्त करने की क्षमता रखती है।
एक मिसाइल का वजन 787 किलोग्राम बताया जाता है। इस मिसाइल के आखिरी सिरे में चार पंख होते हैं, उनके ठीक ऊपर चार त्रिकोणीय पंख हैं। मिसाइल की नोक के पास चार छोटे पंख लगे होते हैं। यह 150 किलोग्राम का वारहेड अपने साथ ले जा सकता है। इन्हें मैक 3 (2,300 मील प्रति घंटे - ध्वनि की गति से तीन गुना) की गति से प्रक्षेपित किया जा सकता है।
प्रक्षेपित होते ही मिसाइलें सैटेलाइट से हो जाती हैं अटैच
फतह मिसाइलें प्रक्षेपित होने के बाद उपग्रहों से जुड़ जाती हैं, जिससे वे मैक 4 (3,069 मील प्रति घंटे) की गति से लक्ष्य को भेद सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि ईरानी रूस की ग्लोनास उपग्रह नेविगेशन प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं, जो जीपीएस का विकल्प प्रदान करती है। माना जा रहा है कि ये मिसाइल यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस को आगे ले जा सकता है। इसकी डिजायन ऐसी है कि इसे रोक पाना शत्रु देश के लिए मुश्किल भरा काम हो सकता है।
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