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ट्रंप के आगे झुकने को तैयार नहीं पश्चिमी देश, कैसे यूक्रेन की ढाल बन रहा यूरोप; कीव में डाला डेरा

  • रूस से अमेरिका की बातचीत में न तो यूक्रेन को शामिल किया गया है और न ही यूरोप को। इससे यूरोपीय नेताओं में चिंता बढ़ गई है, और वे अब यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने के लिए नई रणनीति बना रहे हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, कीवTue, 25 Feb 2025 03:33 PM
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ट्रंप के आगे झुकने को तैयार नहीं पश्चिमी देश, कैसे यूक्रेन की ढाल बन रहा यूरोप; कीव में डाला डेरा

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से नाराज पश्चिमी देश अब उनके सामने झुकने को तैयार नहीं हैं। खासतौर पर यूरोप अब खुलकर यूक्रेन को इस संकट में मजबूत समर्थन देने के लिए आगे आ रहा है। यूरोप ने साफ कर दिया है कि वह ट्रंप के दबाव में आकर अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। इस बीच, यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन की राजधानी कीव में डेरा डाल दिया है, ताकि रूस के खिलाफ यूक्रेन को मजबूत ढाल के रूप में स्थापित किया जा सके।

ट्रंप की नीति से यूरोप नाराज

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए एकतरफा पहल शुरू की है। ट्रंप सरकार के अधिकारियों ने सऊदी अरब में रूसी अधिकारियों से मुलाकात की और अब कीव में अपने दूत भेजकर यूक्रेन पर दबाव बना रहे हैं। रूस से बातचीत में न तो यूक्रेन को शामिल किया गया है और न ही यूरोप को। इससे यूरोपीय नेताओं में चिंता बढ़ गई है, और वे अब यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने के लिए नई रणनीति बना रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि यह युद्ध जल्द खत्म होना चाहिए, लेकिन उनकी शर्तों में यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और नाटो में शामिल होने की मांग को दरकिनार किया जा रहा है। इससे यूरोपीय देशों में नाराजगी बढ़ गई है।

ट्रंप-पुतिन वार्ता और यूरोप की चिंता

इस महीने, खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की, जिसमें दोनों नेताओं ने शांति वार्ता करने पर सहमति जताई। हालांकि, इस वार्ता में यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। इस पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने 15 फरवरी को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा, "यूक्रेन के बिना यूक्रेन पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। यूरोप को भी शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि यूरोप की सुरक्षा से जुड़े निर्णय लिए जा रहे हों।"

यूरोपीय नेताओं ने इस मुद्दे पर आपातकालीन बैठकें बुलानी शुरू कर दी हैं। 17 फरवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूरोपीय नेताओं को पेरिस के एलीजे पैलेस में आपातकालीन शिखर बैठक के लिए आमंत्रित किया। इसके अगले ही दिन, अमेरिकी और रूसी राजनयिकों ने सऊदी अरब में मुलाकात की, जिसमें यूरोप और यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया। इस बैठक में अमेरिका और रूस ने अपने संबंध सुधारने पर चर्चा की।

ट्रंप-जेलेंस्की में बढ़ी तनातनी

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच अब तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को "तानाशाह" करार दिया और आरोप लगाया कि यूक्रेन ने ही रूस के साथ युद्ध की शुरुआत की। इसके जवाब में जेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप रूसी "दुष्प्रचार" के प्रभाव में हैं।

यूरोपीय संघ की नई सैन्य सहायता योजना

यूरोपीय संघ (ईयू) यूक्रेन के लिए 20 अरब यूरो (लगभग 21 अरब डॉलर) की सैन्य सहायता योजना तैयार कर रहा है। यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास इस योजना को आगे बढ़ा रही हैं, जिसमें मिसाइलों और तोपों जैसी सैन्य सामग्रियों के अलावा नकद सहायता भी शामिल होगी। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा ने 6 मार्च को ब्रसेल्स में ईयू देशों के नेताओं की एक आपातकालीन बैठक बुलाने की घोषणा की है। कोस्टा ने कहा, "हम यूरोप और यूक्रेन की सुरक्षा के लिए एक निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं।"

ट्रंप की यूक्रेन नीति से नाराज यूरोपीय नेता

अमेरिकी प्रशासन अब यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने से पीछे हट रहा है और चाहता है कि यूरोप इस जिम्मेदारी को अपने हाथ में ले। अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन स्थित चाथम हाउस थिंक टैंक के वरिष्ठ सलाहकार कीर जाइल्स के अनुसार, "यूरोपीय देश अपनी सैन्य शक्ति का इस्तेमाल करने में असमर्थ हैं, जबकि रूस और अमेरिका केवल सैन्य ताकत की भाषा समझते हैं।"

ट्रंप को मनाने वॉशिंगटन पहुंचेंगे मैक्रों और स्टार्मर

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर इस हफ्ते वॉशिंगटन का दौरा करने वाले हैं ताकि ट्रंप को यूक्रेन का समर्थन जारी रखने के लिए मनाया जा सके। मैक्रों सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की, जबकि स्टार्मर गुरुवार को उनसे मिलेंगे। मैक्रों ने एक सोशल मीडिया सत्र में कहा, "मैं ट्रंप से कहूंगा कि आप पुतिन के सामने कमजोर नहीं पड़ सकते। यह आपकी प्रकृति में नहीं है और यह आपके हित में भी नहीं है।"

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने रविवार को स्कॉटिश लेबर पार्टी के सम्मेलन में कहा, "यूक्रेन ने जो संघर्ष सहा है, उसके बाद यह अस्वीकार्य है कि यूक्रेन के बिना ही उसके भविष्य का फैसला किया जाए।" हालांकि, ट्रंप ने शुक्रवार को फॉक्स न्यूज रेडियो पर कहा कि मैक्रों और स्टार्मर ने यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए "अब तक कुछ भी नहीं किया"।

कीव पहुंचे वैश्विक नेता

रूस-यूक्रेन युद्ध की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर कई वैश्विक नेता कीव पहुंचे और यूक्रेन के प्रति अपना समर्थन जताया। कीव में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा और जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमाक से मुलाकात की। इसके अलावा, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज, लातविया के राष्ट्रपति एडगर्स रिंकेविक्स, लिथुआनिया के राष्ट्रपति गिटानास नौसेदा और एस्टोनिया के प्रधानमंत्री क्रिस्टन मिखाल भी कीव पहुंचे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब, डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गाहर स्टोरे और स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन भी यूक्रेनी राजधानी में मौजूद थे।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन ने सोशल मीडिया पर लिखा, "स्पष्ट रूप से कहें तो, एक स्वतंत्र और संप्रभु यूक्रेन केवल यूरोप के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के हित में है।" कुल मिलाकर यूरोप अब यूक्रेन के लिए एक मजबूत ढाल बनकर उभर रहा है। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों ने यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक मदद बढ़ाने का ऐलान किया है। जर्मनी ने भी स्पष्ट किया है कि वह यूक्रेन के बिना किसी भी शांति वार्ता को स्वीकार नहीं करेगा। यूरोपीय नेताओं का मानना है कि अगर अमेरिका पीछे हटता है, तो यूक्रेन को रूस के सामने अकेले छोड़ना यूरोप के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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ट्रंप का दबाव और यूक्रेन की चिंता

ट्रंप ने यूक्रेन से कहा है कि वह अपनी खनिज संपदा का इस्तेमाल अमेरिका के हित में करे और रूस के साथ समझौता करे। लेकिन जेलेंस्की ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। यूक्रेन को डर है कि अगर ट्रंप की बात मानी गई, तो रूस फिर से ताकत जुटाकर हमला कर सकता है। यूरोप भी मानता है कि ट्रंप की नीति से रूस को फायदा होगा, जिससे पूरे महाद्वीप की सुरक्षा पर सवाल उठेगा।

आगे क्या?

फिलहाल, यूरोप और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। पश्चिमी देश ट्रंप के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं और यूक्रेन को हर हाल में समर्थन देने का वादा कर रहे हैं। कीव में यूरोपीय नेताओं का डेरा इस बात का सबूत है कि यूरोप अब यूक्रेन को अपनी सुरक्षा की पहली पंक्ति मान रहा है। आने वाले दिन इस युद्ध और वैश्विक राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।

रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल पूरे होने पर जहां यूरोप यूक्रेन के समर्थन में खड़ा है, वहीं अमेरिका की नई नीति ने यूरोपीय देशों को असमंजस में डाल दिया है। ट्रंप और पुतिन के संभावित शिखर सम्मेलन से यह स्पष्ट हो रहा है कि अमेरिका अब यूक्रेन युद्ध से खुद को दूर कर रहा है, जिससे यूरोपीय नेताओं की चिंता बढ़ गई है। अब सवाल यह है कि यूरोप क्या अमेरिका की जगह ले पाएगा या यूक्रेन को अपने संघर्ष में अकेले ही लड़ना पड़ेगा?

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