अब गाजा में नहीं रुकी जंग तो तृतीय विश्व युद्ध पक्का, अमेरिका क्यों हो रहा बैचेन
- अमेरिका ने कहा है कि गाजा में जंग रोकने की यह आखिरी कोशिश है क्योंकि अगर 40 हजार मौतों के बाद अब भी गाजा में कत्लेआम नहीं रुका तो तृतीय विश्व युद्ध रोकना लगभग असंभव होगा।
Third World War Fear: गाजा में चल रही जंग को 10 महीने से ज्यादा हो गए हैं और इजरायल-हमास के बीच महायुद्ध ने अकेले गाजा शहर में 40 हजार जिंदगियां लील ली हैं। हजारों मासूमों का कत्ल होने के बाद भी यहां हर दिन धमाके और लाशों के ढेर मिल रहे हैं। गाजा में युद्धविराम रोकने के कई प्रयास भी किए गए लेकिन, वो सभी नाकाम रहे। इजरायल और हमास इसके लिए एक-दूसरे पर दोष मढ़ते हैं। अब अमेरिका ने हाल ही में यह बयान देकर दुनिया को दहशत में डाल दिया कि गाजा में जंग रोकने की यह आखिरी कोशिश है, 40 हजार मौतों के बाद भी अब अगर गाजा में कत्लेआम नहीं रुका तो तृतीय विश्व युद्ध रोकना लगभग असंभव होगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने इजरायली पीएम नेतन्याहू से भी मुलाकात की। अमेरिका को डर है कि हिजबुल्लाह और ईरान पहले से इजरायल पर तिलमिलाए हुए हैं और गाजा में इतने भीषण नरसंहार के बाद वो कुछ भी करने को तैयार होंगे। हालिया रिपोर्ट में पता लगता है कि हिजबुल्लाह मध्य पूर्व में बड़ी जंग की तैयारी कर रहा है। उसने हथियारों से लैस और अपनी गुफाओं से जुड़े प्रमोशनल और प्रोपेगेंडा वीडियो पोस्ट कर इजरायल को चेतावनी दी है कि अब अगर वो गाजा में नहीं रुका तो इजरायल को कोई नहीं बचा सकता। उधर, ईरान भी इजरायल को लगातार धमका रहा है।
2006 के मुकाबले ज्यादा मजबूत हुआ हिजबुल्लाह
हिजबुल्लाह अधिकारियों का कहना है कि इजरायल से अगर उनके बीच जंग होती है तो वो इजरायल को पुरानी लड़ाई के मुकाबले ज्यादा चोट देंगे। हिजबुल्लाह इस युद्ध को करो या मरो की स्थिति बताता है। उसके साथ इस जंग में ईरान का भी समर्थन है। 2006 के मुकाबले ईरान इस बार खुलकर हिजबुल्लाह को समर्थन करेगा क्योंकि हमास चीफ इस्माइल हानियेह की तेहरान में कत्ल के बाद ईरान पहले ही इजरायल पर कहर बरपाने को आतुर है। कुछ दिन पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अली अयातुल्ला खामेनेई ने एक बयान में कहा था कि अगर अब वो पीछे हटे तो अल्लाह भी उन्हें माफ नहीं करेगा। ईरान ने अपनी कसम दोहराई कि वो शांत नहीं है बल्कि इजरायल पर बड़े और अब तक के सबसे घातक हमले की तैयारी कर रहा है।
2006 में लेबनान युद्ध की बात करें तो इस लड़ाई को 34 दिन बाद अमेरिकी की मध्यस्थता के बाद रोका गया। 12 जुलाई 2006 को हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने इजरायली धरती पर रॉकेट दागे। इस हमले में तीन इजरायली सैनिक मारे गए थे। दो इजरायली सैनिकों को पकड़कर लेबनान लाया गया। इजरायल ने फिर लेबनान पर हवाई कहर बरपाया और 34 दिनों तक दोनों तरफ से जमकर खून बहाया गया। इस युद्ध में करीब 1300 लेबनानी लोग मारे गए और दूसरी तरफ 165 इजरायलियों की मौत हुई। इस युद्ध में इजरायल ने लेबनान शहर में जमकर तबाही मचाई थी। संघर्ष के परिणामस्वरूप 1 मिलियन लेबनानी और 5 लाख इजरायलियों को विस्थापित का दंश झेलना पड़ा।
गाजा में युद्ध विराम के नए प्रयास
गाजा में युद्धविराम को लेकर अमेरिका अब पूरा जोर लगा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और उनसे हमास से समझौता करने का आग्रह किया। अमेरिका का कहना है कि इजरायल हमास के साथ युद्धविराम अपनी शर्तों पर करने को तैयार है। अमेरिका ने हमास से भी समझौते पर अपनी हामी भरने का आह्वान किया। हालांकि हमास का आरोप है कि इजरायल हर बार नई शर्तों के साथ समझौता लेकर आता है ताकि युद्धविराम हो ही न। इस बीच उसके सैनिक गाजा में लगातार कत्ल कर रहे हैं।
नए युद्धविराम समझौते पर हमास ने कहा है कि संघर्ष विराम समझौते के परिणामस्वरूप गाजा पर इजरायल का युद्ध स्थायी रूप से समाप्त हो जाना चाहिए । उसने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह संशोधित समझौते का प्रस्ताव देकर "केवल इजरायल को नरसंहार जारी रखने के लिए समय दे रहा है।"
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