युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की हालत खराब, यूक्रेनी सेना बोली- उन्हें इतना मारा कि पीछे हटा लिया गया
- North Korean soldiers: रूस-यूक्रेन युद्ध में तानाशाह किम जोंग के सैनिकों की हालत खराब हो गई है। यूक्रेनी सेना की तरफ से दावा किया गया है कि तानाशाह के सैनिकों को इस युद्ध में भारी नुकसान उठाना पड़ा है कि अब उन्हें फ्रंट लाइन से भी हटा लिया गया है।
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रूस-यू्क्रेन युद्ध को लगभग तीन साल होने को है। लगातार जारी इस युद्ध में दोनों तरफ से हजारों सैनिक अपनी जान गंवा चुके है। अब उत्तर कोरियाई सैनिकों को लेकर यूक्रेन की तरफ से बड़ा दावा किया गया है। यूक्रेन का दावा है कि रूसी सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रहे तानाशाह किम जोंग के सैनिकों को भारी नुकसान के बाद फ्रंटलाइन से हटा लिया गया है। हालांकि इन दावों पर रूस की तरफ से किसी भी तरह की कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया।
एएफपी से बात करते हुए यूक्रेनी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर कोरियाई सैनिक पिछले कुछ महीनों से फ्रंट लाइन पर लड़ रहे थे। लेकिन युद्ध में उनकी बटालियनों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसकी वजह से उन्हें फ्रंट लाइन से पीछे कर लिया गया है। रूसी सेना की तरफ से इस विदेशी सैनिकों के साथ युद्ध लड़ने से तो इनकार किया गया। लेकिन उन्होंने यूक्रेनी सेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि यूक्रेनी सैनिक कुर्स्क क्षेत्र में अत्याचार कर रहे हैं। यूक्रेनी आर्मी में स्पेशल फोर्स के प्रवक्ता ने भी कहा कि पिछले तीन हफ्तों से हमने फ्रंट लाइन पर किसी भी उत्तर कोरियाई सैनिकों की कोई गतिविधि नहीं देखी है और न ही किसी सैन्य झड़प में वह शामिल हुए हैं।
इससे पहले दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसी का कहना था कि किम जोंग उन ने रूसी सेना के समर्थन के लिए करीब 10 हजार उत्तर कोरियाई सैनिकों को यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में भेज दिया था। रूसी सेना की तरफ से इन सैनिकों को युद्ध में फ्रंट लाइन पर भेजा गया, जहां पर इन सैनिकों ने तेजी के साथ आक्रमण करके सभी को चौंका दिया था। हालांकि इन सैनिकों की नियुक्ति को लेकर न तो रूस और न ही उत्तर कोरिया ने किसी तरफ की कोई पुष्टि की है।
एजेंसियों के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिकों का मुख्य उद्देश्य रूसी सेना की मदद करना था, जिससे रूसी क्षेत्र में अंदर आकर बैठे यूक्रेनी सैनिकों को वहां से हटाया जा सके। लेकिन 6 महीने से ज्यादा समय के बाद भी कीव के हाथ में रूस का एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। बिशेषज्ञों के मुताबिक राष्ट्रपति जेलेंस्की इस क्षेत्र को मॉस्को के साथ समझौते के दौरान अपने मजबूत हाथ के रूप में देखते हैं।
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