यूक्रेन का ऐसा भीषण हमला, महीनों तक उबर नहीं पाएंगे पुतिन; रूस ही नहीं पड़ोसी भी लपेटे में आया
- सऊदी अरब में शांति वार्ता के बीच यूक्रेन और रूस एक-दूसरे पर हमले जारी रखे हुए हैं। यूक्रेनी सेना ने रूस पर ऐसा भीषण हमला किया है कि इससे उबरने में पुतिन को दो महीने लग जाएंगे। रूस ही नहीं पड़ोसी देश को भी तगड़ा नुकसान हुआ है।

रूस और यूक्रेन तीन साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए सऊदी अरब में मंथन कर रहे हैं। व्लादिमीर पुतिन और वलोडोमिर जेलेंस्की के बीच मध्यस्थता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी वही हैं। इस बीच दोनों देशों के एक-दूसरे पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। पुतिन की सेना ने 175 ड्रोन हमलों से कई यूक्रेनी शहरों को दहलाया तो यूक्रेन ने रूस को ऐसी चोट दे दी, जिससे महीनों तक पुतिन उबर नहीं पाएंगे। यूक्रेन के इस भीषण हमले में रूस ही नहीं उसके पड़ोसी देश कजाकिस्तान को भी तगड़ा नुकसान हुआ है।
रूस की राज्य पाइपलाइन कंपनी ट्रांसनेफ्ट ने मंगलवार को कहा कि दक्षिणी रूस से गुजरने वाली एक प्रमुख तेल निर्यात पाइपलाइन पर यूक्रेनी ड्रोन हमले के कारण अगले दो महीनों में निर्यात मात्रा लगभग 30% तक घट सकती है। सोमवार को सात विस्फोटक से भरे ड्रोन कास्पियन पाइपलाइन कंसोर्टियम (CPC) की एक पंपिंग स्टेशन से टकरा गए। यह पाइपलाइन कजाख तेल को दक्षिणी रूस से होते हुए ब्लैक सी के जरिए निर्यात करती है, जिसमें पश्चिमी यूरोप भी शामिल है।
ट्रांसनेफ्ट ने एक बयान में कहा, "इस हमले से उबरने डेढ़ से दो महीने का समय लगेगा, जिससे कजाकिस्तान से आने वाले तेल प्रवाह में 30% तक की गिरावट हो सकती है।"
रूस की मेन पाइपलाइन पर हमला
करीब 1500 किलोमीटर लंबी यह पाइपलाइन एक कंसोर्टियम के स्वामित्व में है, जिसमें रूस और कजाकिस्तान की सरकारों के साथ-साथ पश्चिमी कंपनियां जैसे शेवरॉन, एक्सॉनमोबिल और शेल भी शामिल हैं। यह पाइपलाइन कजाकिस्तान के कुल कच्चे तेल निर्यात का 80% वहन करती है और यह वैश्विक आपूर्ति का लगभग 1% योगदान देती है। ट्रांसनेफ्ट के अनुसार, पिछले साल इस पाइपलाइन से 63 मिलियन टन तेल प्रवाहित हुआ था, जिसमें से तीन-चौथाई पश्चिमी ऊर्जा कंपनियों द्वारा पंप किया गया था।
रूस और कजाकिस्तान को तगड़ा नुकसान
इस हमले के बाद, कजाकिस्तान ने कहा कि "हम इस हमले के बाद के सभी पहलुओं का आकलन कर रहे हैं।" यह हमला रूस के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि तेल निर्यात से उसे भारी राजस्व प्राप्त होता है और यह उसकी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्रोत है।
बता दें कि यूक्रेन ने तीन साल से चल रहे इस भीषण युद्ध के दौरान रूस के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लगातार निशाना बनाया है। कीव का कहना है कि वह उन ठिकानों को निशाना बना रहा है जो मॉस्को की सेना को ईंधन आपूर्ति करते हैं या युद्ध को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।
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