मेरे साथ गलत किया तब भी साथ; तस्लीमा नसरीन ने लगाई हसीना की क्लास, यूनुस को भी लताड़ा
- Taslima Nasreen: बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने शेख हसीना को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री रहते हुए मुझे बहुत नुकसान पहुंचाया है। लेकिन तब भी मैंने उनका कभी विरोध नहीं किया। आज भी मैं उनकी पार्टी के नेताओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा रही हूं।
बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने शेख हसीना और मुहम्मद यूनुस के ऊपर निशाना साधा है। नसरीन ने शेख हसीना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने मेरे साथ गलत किया। मुझे पिता की मृत्यु पर भी बांग्लादेश आने की अनुमति नहीं दी। लेकिन तब भी आज मैं शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के हक में आवाज उठा रही हूं। क्योंकि मुझे पता है कि यूनुस सरकार आवामी लीग के लोगों लगातार अत्याचार कर रही है। नसरीन ने मुक्ति योद्धाओं का आह्वान करते हुए कहा कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता के खिलाफ काम कर रहे लोगों को हराने का समय आ गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बांग्लादेशी लेखिका ने लिखा कि अपने शासन के दौरान शेख हसीना ने मुझे काफी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने मुझे बांग्लादेश स्थित अपनी जमीन बेचने की भी अनुमति दे दी। वहां कोई भी हसीना के डर से मेरी मदद करने को तैयार नहीं था। इस पूरे मामले को लेकर मैंने हसीना को खुले तौर पर कई पत्र भी लिखे लेकिन उसके बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मुझे नहीं पता कि उन्हें आखिर मुझसे इतनी नफरत क्यों थी कि उन्होंने मेरी पुरस्कार विजेता किताब को भी बैन कर दिया। लेखिका ने कहा कि शेख हसीना जलन, अहंकार से ग्रस्त थीं और इसी ने उनको क्रूर बना दिया। हालांकि इस सब के बाद भी मैंने उनके पक्ष में बात की थी मैंने उनकी चुनावी जीत की आशा की थी और 1972 के संविधान की बहाली का समर्थन किया था।
तस्लीमा ने कहा कि शेख हसीना की विरोधी खालिदा जिया ने मुझे बांग्लादेश से निर्वासित कर दिया था। इसके बाद कोई भी सोचता कि शेख हसीना आकर मुझसे सहानुभूति रखेंगीं लेकिन इसके उलट उन्होंने मुझसे प्रतिशोध ही लिया। वो अपने पिता के बारे में, उनके संघर्षों के बारे में बात करती हैं। लेकिन जब मेरे पिता अपने अंतिम दिनों में थे तो मैंने बांग्लादेश आने के अनुमति मांगी लेकिन हसीना ने तब भी मेरी बात को अनसुना कर दिया। ऐसा लगता है मानों केवल उनके पिता ही पिता हैं, बाकियों के पिताओं का कोई सम्मान नहीं है।
तस्लीमा नसरीन ने कहा कि इन सबके बावजूद भी मैं हसीना से किसी प्रकार का कोई बदला नहीं लेना चाहती। मैं बांग्लादेश में यूनुस सरकार द्वारा आवामी लीग के नेताओं कार्यकर्ताओं पर जो अत्याचार किए जा रहे हैं उसके खिलाफ लगातार अपनी आवाज उठा रही हूं। बांग्लादेशी चुनाव में आवामी लीग को भाग लेने से रोकने की जो साजिश की जा रही है वह बिल्कुल सही नहीं है। लेखिका ने कहा कि मैं उन तमाम मुक्ति समर्थक यु्द्ध बलों को एकजुट होने का आह्वान करती हूं कि एकजुट होकर बांग्लादेश की आजादी की रक्षा करें और स्वतंत्रता के दुश्मनों को हराए।
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