यहां चीन नहीं है; बगराम एयरफील्ड को लेकर तालिबान ने ट्रंप के दावों को किया खारिज
- अफगानिस्तान तालिबान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उन दावों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बगराम एयरफील्ड पर चीन के कब्जे की बात कही थी। तालिबान ने कहा कि एयरफील्ड पर इस्लामिक अमीरात का नियंत्रण है न की चीन का। हमारा किसी भी देश के साथ ऐसा कोई करार नहीं है।

अफगानिस्तान तालिबान ने अमेरिकी राष्ट्रपति के उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें उन्होंने कहा था कि बगराम एयरफील्ड पर चीन का नियंत्रण है। तालिबान की तरफ से कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति को गलत जानकारी मिली है। यहां पर कोई चीन नहीं है, न ही कोई चीनी सैनिक है। बरगाम एयरफील्ड राजधानी काबुल से 44 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान में रहने के दौरान यह एयरफील्ड नाटो सैन्य बलों के लिए एक बेस की तरह काम करता था। लेकिन अगस्त 2021 में अमेरिकी और नाटो सेना के अफगानिस्तान से चले जाने के बाद इस पर तालिबान का कब्जा हो गया था।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद से जब ट्रंप के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "उन्हें बिना प्रमाण किए ऐसे भवानात्मक बयान देने से बचना चाहिए। बगराम पर चीन का नहीं इस्लामिक अमीरात (तालिबान शासन) का नियंत्रण है। यहां चीनी सैनिक मौजूद नहीं है, न ही हमारा किसी भी देश के साथ ऐसा कोई करार है।" मुजाहिद ने अमेरिकी प्रशासन को संबोधित करते हुए कहा कि मैं उनसे कहना चाहूंगा कि राष्ट्रपति ट्रंप को अफगानिस्तान के बारे में सही जानकारी दी जाए।
ट्रंप ने क्या कहा था
2024 में अपने चुनावी अभियान के दौरान ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि बगराम एयरफील्ड पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का नियंत्रण है। इतना ही नहीं ट्रंप ने अपनी पिछली कैबिनेट मीटिंग में भी इस बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि बाइडन को अमेरिकी बेस पर नियंत्रण रखना चाहिए था।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमने जब समझौता किया था तो हम अफगानिस्तान से बाहर निकलने वाले थे लेकिन हम बगराम एयरबेस अपने नियंत्रण में रखने वाले थे। यह एयरबेस बहुत ही ज्यादा स्ट्रैटिजिक जगह पर स्थित है। हमें यह अफगानिस्तान के शासन के लिए नहीं बल्कि चीन के लिए चाहिए था। यह एयरबेस चीन की परमाणु मिसाइल निर्माण केंद्र से कुछ ही दूरी पर स्थित है। लेकिन मेरे जाने के बाद बाइडन ने इसे भी छोड़ दिया। आज आप सभी जानते हैं कि वहां पर किसका कब्जा है।
ट्रंप और अफगानिस्तान का संबंध
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में ही अमेरिका ने तालिबान के साथ अमेरिकी सैनिकों की वापसी के लिए ऐतिहासिक समझौता किया था। लेकिन ट्रंप के चुनाव हारने के बाद बाइडन प्रशासन के दौरान सैनिकों की वापसी हो पाई थी। अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद चीन तालिबान शासन के साथ लगातार अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है।
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