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ईरान ने बच्चों को अंग्रेजी समेत दूसरी विदेशी भाषाएं पढ़ाने पर लगाई रोक, जानें क्या बताया कारण

मसूद फरजाद ने कहा, 'किंडरगार्टन, नर्सरी और प्राइमरी स्कूलों में विदेशी भाषाओं को पढ़ाना अब प्रतिबंधित है। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इस उम्र में बच्चे की ईरानी पहचान डेवलप हो रही होती है।'

ईरान ने बच्चों को अंग्रेजी समेत दूसरी विदेशी भाषाएं पढ़ाने पर लगाई रोक, जानें क्या बताया कारण
Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, तेहरानTue, 17 Oct 2023 03:17 PM
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ईरान ने किंडरगार्टन और प्राइमरी स्कूल में अंग्रेजी, अरबी समेत सभी विदेशी भाषाओं को पढ़ाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी मसूद तेहरानी-फरजाद ने इसे लेकर विस्तार से जानकारी दी। फरजाद ने कहा, 'किंडरगार्टन, नर्सरी और प्राइमरी स्कूलों में विदेशी भाषाओं को पढ़ाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इस उम्र में बच्चे की ईरानी पहचान डेवलप हो रही होती है।' 

मालूम हो कि ईरान ने 2018 में ही प्राथमिक स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने पर रोक लगा दी थी, मगर यह माध्यमिक विद्यालय से पढ़ाई जाती है। मसूद तेहरानी-फरजाद ने कहा कि विदेशी भाषाओं के पढ़ाने पर प्रतिबंध न केवल अंग्रेजी, बल्कि अरबी सहित दूसरी भाषाओं पर भी लागू होगा। आपको बता दें कि फारसी ही ईरान की एकमात्र आधिकारिक भाषा है। जून 2022 में ईरान के शिक्षा मंत्रालय ने देश भर के स्कूलों में फ्रेंच पढ़ाने का ट्रायल शुरू करने की योजना को लेकर संकेत दिया था। अंग्रेजी भाषा के एकाधिकार को खत्म करने के मकसद से यह कदम उठाया गया। 

इंटरनेशनल स्कूलों में जाने पर भी लगाया प्रतिबंध
इतना ही नहीं, सितंबर में देश ने ईरानी या ड्युअल-नेशनल स्टूडेंट्स के इंटरनेशनल स्कूलों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस फैसले के पीछे की वजह बताई गई कि बच्चों पर देश के स्कूल करिकुलम का पालन करने का दायित्व है। रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले के कारण तेहरान के फ्रांसीसी और जर्मन इंस्टीट्यूट्स सहित कुछ अंतरराष्ट्रीय स्कूलों में छात्रों की संख्या में अचानक गिरावट आ गई। दूसरी ओर, ईरान में महिला अधिकारों, लोकतंत्र और मृत्युदंड के खिलाफ वर्षों से लगातार संघर्ष कर रहीं नरगिस मोहम्मदी को इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई। वह इस समय जेल में बंद हैं। मोहम्मदी ने अपने आंदोलन की वजह से बार-बार गिरफ्तार होने और जेल जाने के बावजूद अपना काम जारी रखा। 

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