Hindi Newsदेश न्यूज़Changed ghee brand behind animal fat in Tirupati laddoo controversy

YSR सरकार के दौरान बदला था तिरुपति के लड्डू का घी, जानवर की चर्बी मिलने की वजह यही तो नहीं?

  • चंद्रबाबू नायडू ने लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि YSR कांग्रेस की सरकार में खरीदे गए घी में जानवरों की चर्बी मिली थी। YSR ने पिछले साल प्रसिद्ध नंदिनी घी की आपूर्ति पर रोक लगाई थी।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानFri, 20 Sep 2024 02:24 PM
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तिरुपति के लड्डू में जानवर की चर्बी की मौजूदगी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इसके पीछे का मुख्य कारण प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी की है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि YSR पार्टी की सरकार के दौरान खरीदे गए घी में मछली का तेल और गोमांस की चर्बी पाई गई थी। सरकार ने पिछले साल प्रसाद में इस्तेमाल होनी वाली नंदिनी घी की आपूर्ति पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि श्री वेंकटेश्वर मंदिर में श्रीवारी लड्डू के बनाने में घी मुख्य सामग्री होती है और इसकी गुणवत्ता की प्रमुख भूमिका होती है। मंदिर का प्रबंधन करने वाला तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड हर छह महीने में घी की आपूर्ति के लिए टेंडर आमंत्रित करता है और हर साल 5 लाख किलो घी खरीदता है।

नंदिनी घी की आपूर्ति क्यों बंद की गई थी?

पिछले साल जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने कीमत से जुड़े मुद्दे कर लगभग 15 सालों के बाद कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) से लड्डू के लिए नंदिनी घी की आपूर्ति बंद कर दी थी। इसके बाद कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने टेंडर की बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया था क्योंकि दूध की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद वह अपना घी सस्ते दामों में उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं था। पिछले साल कर्नाटक कैबिनेट ने नंदिनी दूध की कीमत में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। इसलिए कॉन्ट्रैक्ट सबसे कम बोली लगाने वाले को दिया गया था।

हुआ था बड़ा विवाद

इस बैन के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हुआ था। केएमएफ के अध्यक्ष भीमा नाइक ने कहा था कि भेदभाव की वजह से नंदिनी घी को प्रसिद्ध तिरुमाला लड्डू में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। नाइक ने दावा किया था, "लड्डू अब पहले जैसे नहीं रहेंगे। नंदिनी बाजार में सबसे अच्छा घी उपलब्ध कराता है और सभी गुणवत्ता जांचों से गुजरता है। अगर कोई ब्रांड नंदिनी से कम कीमत पर घी की आपूर्ति कर रहा है तो मुझे लगता है कि गुणवत्ता से समझौता किया जाएगा।" इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। बीजेपी ने कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर तिरुपति मंदिर के मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया। YSR सरकार द्वारा मंदिर बोर्ड पर दूसरे ब्रांड से घी खरीदने का दबाव डालने के भी आरोप लगे।

हर दिन करीब 400-500 किलो घी का होता है इस्तेमाल

हालांकि चंद्रबाबू नायडू द्वारा लड्डू की गुणवत्ता में सुधार करने के निर्देश के बाद केएमएफ ने अगस्त से टीटीडी को अपने प्रसिद्ध नंदिनी घी की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी है। यह जुलाई में आंध्र प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में नायडू की टीडीपी के सत्ता में आने के बाद हुआ। तिरुपति में हर दिन करीब 3.5 लाख लड्डू बनाए जाते हैं और एक लड्डू बनाने में करीब 40 रुपये का खर्च आता है। लड्डू बनाने के लिए हर दिन करीब 400-500 किलो घी, 750 किलो काजू, 500 किलो किशमिश और 200 किलो इलायची की जरूरत होती है। हाल ही में हुए विवाद के बाद, टीटीडी ने लड्डू के लिए गुणवत्तापूर्ण घी खरीदने के लिए नियम और शर्तों पर सलाह देने के लिए एक समिति बनाई है।

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