खाली दुकानें और सुनसान रेस्तरां, चीन में कोरोना के चलते फैक्ट्रियां भी बंद; अब मंदी का भी खतरा
फैक्ट्रियों और कंपनियों में कामकाज ठप है। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में उत्पादन नहीं हो रहा है। सुनसान कंपनियां और बाजार बताते हैं कि चीन में हालात बेहद खराब हैं। कोरोना के केसों का असर इकॉनमी पर भी है।
चीन में हर दिन कोरोना वायरस के 10 लाख से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। भले ही चीन दुनिया से नए मामलों की छिपा रहा है और मौतों का डेटा भी नहीं बता रहा है, लेकिन उसके शहरों के हालात पूरी कहानी बयां करते हैं। बीजिंग, शंघाई, वुहान से लेकर शिनजियांग तक में रेस्तरां, बार, दुकानें खाली पड़ी हैं। इसके अलावा फैक्ट्रियों और कंपनियों में कामकाज ठप है। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में उत्पादन नहीं हो रहा है। सुनसान कंपनियां और बाजार बताते हैं कि चीन में हालात बेहद खराब हैं। हाल ही में जीरो कोविड पॉलिसी में ढील देने वाले चीन में अब लोग बाहर निकलने से भी डर रहे हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में कंपनियों को काम बंद करने या फिर उत्पादन में ही कटौती करने का फैसला करना पड़ा है ताकि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को कोरोना से बचाया जा सके। इसके चलते चीन की इकॉनमी में मंदी और बढ़ने की आशंका है। करीब दो साल से ज्यादा वक्त तक चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के तहत सख्त पाबंदियां लागू थीं। इससे अर्थव्यवस्था काफी कमजोर पड़ी है। नवंबर में चीन में व्यापक लॉकडाउन के चलते रिटेल सेल में गिरावट आई है और बेरोजगारी 6 महीने के टॉप पर पहुंच गई थी।
दिसंबर के महीने की बात करें तो कार और घरों की बिक्री घट गई है। 1 दिसंबर से 18 दिसंबर तक चीन में 9,46,000 कारों की बिक्री हुई है, जो बीते साल इसी अवधि के मुकाबले 15 फीसदी कम है। चाइना पैसेंजर कार एसोसिएशन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसके अलावा चीन के 30 बड़े शहरों का डेटा बताता है कि घरों की बिक्री में 44 फीसदी तक की कमी आई है। बीजिंग और शंघाई में तो यह गिरावट 53 फीसदी की है। हालात इतने विपरीत हैं कि तमाम कंपनियों को मजदूरों के कोरोना की चपेट में आने के चलते शट डाउन करना पड़ा है।
चीनी लोकल मीडिया के मुताबिक पूर्वी प्रांत जियांग्सू में ज्यादातर फैक्ट्रियों में लोगों से कहा गया है कि वे नया साल मनाने के लिए लंबी छुट्टियों पर जा सकते हैं। चीन में 21 जनवरी से 27 जनवरी तक नए साल का जश्न मनाया जाता है। लेकिन एक महीने पहले से ही छुट्टियां देने से समझा जा सकता है कि कोरोना के चलते क्या हालात हैं। कोरोना की इस नई और भीषण लहर के चलते चीन की इकॉनमी गहरे दबाव में आ गई है। राष्ट्रीय स्तर पर चीन सरकार कोरोना के केसों का डेटा नहीं दे रही है, लेकिन राज्यों की ओर से बताया जा रहा है कि हर दिन 10 हजार से ज्यादा केस तकरीबन हर शहर में मिल रहे हैं।
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