Hindi Newsविदेश न्यूज़S Jaishankar on Ukraine war says People will come to the table sooner the better

युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं, बातचीत ही रास्ता; रूस-यूक्रेन संघर्ष पर बोले एस जयशंकर

  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहाकि युद्ध के मैदान में किसी को कोई समाधान नहीं मिलने वाला है। रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष की बात करें, तो लोग किसी न किसी स्तर पर बातचीत की मेज पर आएंगे।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, रोमWed, 27 Nov 2024 12:26 AM
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहाकि युद्ध के मैदान में किसी को कोई समाधान नहीं मिलने वाला है। रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष की बात करें, तो लोग किसी न किसी स्तर पर बातचीत की मेज पर आएंगे। उन्होंने कहाकि जितनी जल्दी वे ऐसा करेंगे, उतना ही बेहतर होगा, क्योंकि बाकी दुनिया प्रभावित हो रही है। जयशंकर (69) जी-7 समूह में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के जनसंपर्क सत्र में हिस्सा लेने के लिए 24 से 26 नवंबर तक तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर इटली में हैं। विदेश मंत्री ने इतालवी अखबार ‘कोरिएरे डेला सेरा’ को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहाकि आज हमारे सामने दो बड़े संघर्ष एक साथ हो रहे हैं। यह पूरे अंतरराष्ट्रीय तंत्र को भारी तनाव में डाल रहा है।

इस इंटरव्यू में जयशंकर ने कहाकि हम केवल दर्शक बनकर यह नहीं कह सकते कि ठीक है, यही तरीका है। यह काम कर भी सकता है और नहीं भी। जब तक हम कोशिश नहीं करेंगे, तब तक हमें पता नहीं चलेगा। लेकिन हम मानते हैं कि इन दोनों संघर्षों (यूक्रेन और पश्चिम एशिया में) पर देशों को पहल करने की जरूरत है, प्रयास करने की जरूरत है, भले ही यह कितना भी कठिन क्यों न लगे, कुछ सामान्य आधार खोजने की कोशिश करें, जो आज हमारे पास है, उससे कुछ बेहतर।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर जयशंकर ने दोहराया कि भारत सोचता है कि संघर्ष खत्म करने का रास्ता खोजने के लिए कूटनीति होनी चाहिए और हम यही करने की कोशिश कर रहे हैं। फरवरी 2022 में शुरू हुआ रूस-यूक्रेन संघर्ष 19 नवंबर को 1,000वें दिन में प्रवेश कर गया। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने कौन से रास्ते देखे, एस जयशंकर ने कहाकि प्रतिभागियों से बातचीत करना। जयशंकर ने कहाकि आपको मॉस्को से बात करनी होगी और आपको कीव से बात करनी होगी। हम यही करने की कोशिश कर रहे हैं।

एस जयशंकर ने कहाकि देखिए, अब लगभग तीन साल हो गए हैं। आपको युद्ध के मैदान से कोई समाधान नहीं मिलने वाला है, है ना? हमें सुलह-समझौता करना होगा। किसी न किसी स्तर पर लोग बातचीत की मेज पर आएंगे। जितनी जल्दी वे ऐसा करेंगे, उतना बेहतर होगा, क्योंकि इससे बाकी दुनिया प्रभावित हुई है। जयशंकर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल यूरोप इस संघर्ष का खामियाजा भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि जो हो रहा है, उससे हर किसी का जीवन प्रभावित हुआ है।

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