हर दिन 1500 मौतें, अब तक 7 लाख मरे; दावा- यूक्रेन में टिक नहीं पा रहे रूसी सैनिक
- रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच ब्रिटेन के रक्षा प्रमुख का दावा है कि रूसियों के लिए अक्टूबर का महीना अच्छा नहीं रहा। यूक्रेन में हर दिन 1500 रूसी सैनिक मारे गए। कुल संख्या 7 लाख से ज्यादा हो गई है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को अगले साल फरवरी में तीन साल पूरे हो जाएंगे। इतना वक्त बीत जाने के बाद भी इस महायुद्ध का कोई अंत नहीं नजर आ रहा। अमेरिका और पश्चिम देशों की मदद से यूक्रेन महाबली रूस के सामने टिका हुआ है। यूक्रेन को कई देश हथियार मुहैया करा रहे हैं और यूक्रेन अपने वफादार लड़ाकों के हौसलों से रूसी सैनिकों को लोह के चने चबवा रहा है।
हाल ही में ब्रिटेन के रक्षा प्रमुख ने दावा किया है कि यूक्रेन में रूसी सैनिकों के लिए अक्टूबर का महीना अच्छा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में रूस ने अपने सबसे अधिक सैनिकों को युद्ध में खो दिया। उनका यह तक कहना है कि अक्टूबर महीने में हर दिन यूक्रेन से लड़ते हुए औसतन 1500 सैनिक मारे गए।
ब्रिटेन के रक्षा प्रमुख एडमिरल सर टोनी राडाकिन ने बीबीसी को बताया कि यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से रूस को हताहतों की संख्या के मामले में यह अब तक का सबसे खराब महीना है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में "हर एक दिन" रूसी सेना को औसतन लगभग 1,500 लोगों की जान गई। इससे फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से रूस के कम से कम 700,000 सैनिक मारे जा चुके हैं।
रूस ने अपने युद्ध में मारे गए सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है, लेकिन पश्चिमी रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि अक्टूबर में मरने वालों की संख्या अब तक की सबसे बड़ी संख्या थी। सर टोनी ने कहा कि रूसी लोग पुतिन के आक्रमण के लिए "असाधारण कीमत" चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह नुकसान "जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों के लिए" हो रहा है।
उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि रूस सामरिक, क्षेत्रीय लाभ हासिल कर रहा है और इससे यूक्रेन पर दबाव बढ़ रहा है।" लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि रूस अपने सार्वजनिक व्यय का 40% से अधिक हिस्सा रक्षा और सुरक्षा पर खर्च कर रहा है, जो कि उनके अनुसार देश के लिए "बहुत बड़ा बोझ" है।
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