ट्रंप के आने से पहले यूक्रेन की खूब मदद कर रहे राष्ट्रपति बाइडन, घातक हथियार पहुंचाने की तैयारी
- वर्तमान अमेरिकी प्रशासन राष्ट्रपति चुनाव के पहले से ही यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता के लिए बनाए गए अपने लक्ष्य को पूरा कर लेना चाहता था। लेकिन कुछ कारणों से यह पूरा नहीं हो पाया। प्रशासन अब अप्रैल तक यूक्रेन को शेष सहायता देने का लक्ष्य बना रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीते ट्रंप की शपथ से पहले बाइडन जल्दी-जल्दी में यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। प्रमुख अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका जल्दी ही 500 से ज्यादा इंटरसेप्टर मिसाइलें यूक्रेन भेजने की तैयारी कर चुका है, हथियारों की इस खेप के पहुंचने के बाद अमेरिका और भी हथियारों को यूक्रेन भेजने की तैयारी कर रहा है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान अमेरिकी प्रशासन राष्ट्रपति चुनाव के पहले से ही यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता के लिए बनाए गए अपने लक्ष्य को पूरा कर लेना चाहता था। लेकिन कुछ कारणों से यह पूरा नहीं हो पाया। प्रशासन अब अप्रैल तक यूक्रेन को शेष सहायता देने का लक्ष्य बना रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने दावा किया मिसाइल डिफेंस सिस्टम और सतह से हवा में मार करने में सक्षम उन्नत मिसाइल डिफेंस सिस्टम NASAMS के लिए इंटरसेप्टर मिसाइलों को यूक्रेन की जरूरत के हिसाब से पहुंचा दिया जाएगा। यूक्रेन की रक्षा जरूरतों के हिसाब से अमेरिका और भी अन्य मिसाइलों और रक्षा सामान को भी यूक्रेन तक पहुंचाएगा।
हालांकि पेंटागन से मिली जानकारी पर अभी तक यूक्रेनी राष्ट्रपति या फिर अमेरिका के विदेश विभाग की तरफ से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
यूक्रेन के राष्ट्र्पति जेलेंस्की कई महीनों से नाटो सहयोगियों और अमेरिका से लंबी दूरी तर मार करने वाली मिसाइलों की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध कर रहे हैं लेकिन सभी देशों ने शर्तों के साथ ही अपने इन हथियारों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। यूक्रेन, लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों का उपयोग करके रूसी सीमा के अंदर हमला करना चाहता है, जबकि नाटो सहयोगियों का कहना है कि उनके हथियारों का इस्तेमाल केवल यूक्रेनी धरती पर बैठे रूसी सैनिकों के लिए किया जाए।
यूक्रेनी मदद को बढ़ाने का संकेत देते हुए बाइडन प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि वह विदेश नीति में बदलाव करते हुए, अमेरिका ने जो हथियार यूक्रेन को दिए हैं उनकी रक्षा और रखरखाव के लिए अमेरिकी रक्षा कंपनियों को यूक्रेन में काम करने की अनुमति देगा।
अमेरिका में ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव में जीतने के बाद यूक्रेन के लिए असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ट्रंप सीधे तौर पर यूक्रेन और जेलेंस्की को दी जाने वाली मदद का विरोध कर चुके हैं। ऐसे में आने वाले समय में जब वह सत्ता में होंगे, तब यूक्रेन को कितनी मदद मिलेगी यह कह पाना आसान नहीं होगा।
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