पुतिन ने बताया युद्ध को खत्म करने का तरीका, बोले- संघर्ष रोकना है तो यू्क्रेन को..
- पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन को उकसाकर और उसका गलत इस्तेमाल कर रूसी संघ के हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते रहे हैं। यूक्रेन आज ना तो यूरोपीय संघ का हिस्सा है और न ही नाटो का लेकिन वह लगातार इनमें शामिल होने का प्रयास कर रहा है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष को खत्म करने का तरीका बताया है। लगभग ढाई साल से जारी संघर्ष पर बात करते हुए पुतिन ने कहा कि अगर इस क्षेत्र में शांति चाहिए तो यूक्रेन को तटस्थ रहने की जरूरत है। उसे नाटो में शामिल होने के ख्याल को छोड़ना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो शांति बनाने के सभी प्रयास लगभग निर्रथक साबित होंगे।
रूस-यूक्रेन सीमा विवाद पर बात करते हुए पुतिन ने कहा कि 1992 में यूक्रेन के साथ जब सीमा समझौता कुछ शर्तों के आधार पर हुआ था, इन शर्तों का यूक्रेन ने बाद में उल्लंघन किया था। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, पुतिन ने कहा कि अगर यूक्रेन तटस्थता नहीं रखता तो दोनों देशों का एक अच्छे पड़ोसी की तरह रहने की कल्पना करना मुश्किल है।
यूक्रेन लगातार नाटो का हिस्सा बनने का प्रयास कर रहा- पुतिन
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि 1992 में शांति पूर्वक सीमाओं को मान्यता देने के पीछे रूसी शासन ने उम्मीद की थी कि यूक्रेन तटस्थ रहेगा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन को उकसाकर और उसका गलत इस्तेमाल कर रूसी संघ के हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते रहे हैं। यूक्रेन आज ना तो यूरोपीय संघ का हिस्सा है और न ही नाटो का लेकिन वह लगातार इनमें शामिल होने का प्रयास कर रहा है।
शांति चाहिए तो तटस्थ रहे यूक्रेन- पुतिन
पुतिन ने कहा कि यू्क्रेन अगर शांति चाहता है तो उसे न केवल नाटो में शामिल होने की अपनी महत्वकांक्षा को छोड़ना होगा बल्कि रूस ने जो क्षेत्र कब्जा लिए हैं उन यूक्रेनी और रूसी क्षेत्रों से भी अपनी सेना वापस बुलानी होगी। यूक्रेन को पश्चिमी देशों के हाथों का हथियार नहीं बनना चाहिए, उसकी सीमाएं कहा होंगी वह उस क्षेत्र में रहने वाले रूसियों द्वारा तय की जानी चाहिए।पुतिन ने कहा कि हम इस समस्या के एक दीर्घकालिक समाधान की तरफ देख रहे हैं। ताकि यूक्रेन किसी के हाथों को कठपुतली न बनकर एक स्वतंत्र, संप्रभु राज्य हो।
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष की कहानी का पहला पड़ाव 2014 में ही शुरू हो गया था जब रूस ने यूक्रेन पर हमला करके क्रीमिया क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था, इसके बाद अमेरिका में बाइडेन प्रशासन और यूक्रेन में जेलेंस्की प्रशासन ने युक्रेन के नाटो में शामिल होने की वकालत की। इन बातों को लेकर रूस लगातार यूक्रेन को सैन्य कार्रवाई की चेतावनी देता रहा। बाद में फरवरी 2022 में रूसी सेना ने यूक्रेनी क्षेत्र पर हमला कर दिया। तब से लेकर यह लड़ाई अब भी जारी है।
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