यूक्रेन पर कौन सी आफत गिरी, नारंगी हो गया आसमान; रूस का गुप्त हथियार जो किसी के पास नहीं
- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे भीषण युद्ध के बीच ऐसा पहली बार हुआ है जब यूक्रेन पर रूस का ऐसा गुप्त हथियार गिरा, जिसने आसमान को नारंगी कर दिया। इस हथियार के बारे में बताया जा रहा है कि यह दुनिया में किसी के पास नहीं है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध दिन बढ़ने के साथ खतरनाक होता जा रहा है। इस महायुद्ध को अगले साल फरवरी महीने में तीन साल पूरे हो जाएंगे। इस बीच पूर्वी यूक्रेन के एक शहर कोस्तियातिन्विका में रूस का ऐसा गुप्त और रहस्यमयी हथियार गिरा, जिसने पूरी दुनिया में कौतूहल बढ़ा दिया है। यह गुप्त हथियार दुनिया में इकलौता और सबसे उन्नत किस्म का है, जो रूस के अलावा किसी और के पास नहीं है। जब यह यूक्रेन में फटा तो कुछ देर के लिए आसमान नारंगी हो गया। यूक्रेनियों ने ऐसा नजारा पहली बार देखा और मारे दहशत के बंकरों में छिप गए। इतने लंबे वक्त से चल रहे इस युद्ध में कभी इस हथियार का इस्तेमाल नहीं हुआ है। यूक्रेन आशंकित है कि रूस का यह हथियार बताता है कि वह कुछ बड़ा करने की योजना बना रहा है।
इस गु्प्त हथियार से किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। ऐसी चर्चाएं हैं या तो यूक्रेनी लड़ाकों ने इसे हवा में ही नष्ट कर दिया या रूस द्वारा गलती से छोड़े जाने पर उसी ने इसे नष्ट कर दिया, क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस गुप्त हथियार के साथ रूसी लड़ाकू विमान भी आसमान पर दिखाई दिए। रूस नहीं चाहता था कि यह दुश्मन के हाथ लगे और इस हथियार से जुड़ी जानकारी दुनिया के सामने आए। यह हथियार रूस का प्रसिद्ध एस-70 ओखोत्निक ड्रोन बताया जा रहा है। जानकारों का मानना है कि इस तरह का उन्नत हथियार दुनिया में किसी के पास नहीं है।
इससे पहले रूस ने जब भी यूक्रेन पर हवाई हमले किए हैं, आसमान पर सफेद रंग की रोशनी दिखाई दी है, लेकिन इस बार पूरा आसमान नारंगी रंग में नहाया हुआ दिखाई दिया। यूक्रेनियों ने पहली बार ऐसा देखा और दहशत में आ गए। यह कोई साधारण लड़ाकू ड्रोन नहीं है। इस ओखोत्निक ड्रोन को हंटर नाम से भी जाना जाता है। यह भारी और मानवरहित वाहन लड़ाकू विमान जितना बड़ा है, लेकिन इसमें कॉकपिट नहीं है। इसलिए इसके दुश्मन के क्षेत्र में आने से पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।
मामले के जानकार बता रहे हैं कि यह स्पष्ट है कि यह हथियार गलती से छोड़ दिया गया या फिर इसने अपना रास्ता भटक लिया। यह ड्रोन रूस के Su-57 जेट के साथ आसमान पर था। रूस इस ड्रोन से संपर्क स्थापित करना चाहता था और दोनों यूक्रेनी क्षेत्र में घुस आए। ऐसा बताया जा रहा है कि यह हथियार दुश्मन के हाथ न लगे, इसलिए इसे रूस द्वारा खुद ही नष्ट कर दिया गया। अब तक रूस और यूक्रेन युद्ध में इस ड्रोन का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
एस-70 ओखोत्निक ड्रोन क्या है
इस ड्रोन का वजन 20 टन से अधिक है तथा इसकी मारक क्षमता 6000 किमी (3,700 मील) बताई जाती है। तीर के आकार का यह ड्रोन अमेरिकी X-47B जैसा दिखता है। इसे लगभग एक दशक पहले बनाया गया था। हंटर को बम और रॉकेट ले जाने में सक्षम माना जाता है। यह जमीनी और हवाई दोनों लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे रूस के पांचवीं पीढ़ी के Su-57 लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस पर 2012 से काम चल रहा है और इसकी पहली उड़ान 2019 में हुई।
इस ड्रोन के मलबे क्या ढूंढ रहा यूक्रेन
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यद्यपि यह ड्रोन नष्ट किया जा चुका है, फिर भी यूक्रेनी सेना इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने में जुटी है। एक यूक्रेनी अधिकारी ने बताया, "हम यह जान सकते हैं कि क्या इसमें टारगेट खोजने के लिए अपने स्वयं के रडार हैं या नहीं, या क्या गोला-बारूद को पहले से ही यह निर्धारित करके प्रोग्राम किया गया है कि कहां हमला करना है।" उन्होंने कहा कि चूंकि इंजन नोजल का आकार गोल है, इसलिए इसे रडार द्वारा पहचाना जा सकता है।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि मलबे की यूक्रेनी इंजीनियरों द्वारा गहन जांच की जाएगी तथा उनके निष्कर्षों को कीव अमेरिका और अपने पश्चिमी मित्र राष्ट्रों से साझा करेगा। यूक्रेन आशंकित है कि इस घटना से रूस की विनाशकारी चाल का भी पता चलता है कि वह अभी चुप नहीं बैठा है और कुछ बड़ा करने की योजना बना रहा है। वे युद्ध लड़ने के लिए नए और बेहतर तरीकों पर काम कर रहे हैं। भले ही उसका यह ड्रोन आज विफल हुआ है, लेकिन अगली बार सफल हो सकता है।
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