यूक्रेनी हमलों के बीच रूस और चीन का जापान के पास बड़ा युद्ध अभ्यास, 2 महीने में दूसरी बार; क्या मायने
- रूस पर बढ़े यूक्रेनी हमलों के बीच चीन ने सोमवार को ऐलान किया कि उसकी और रूस की सेनाएं इसी महीने बड़ा संयुक्त युद्ध अभ्यास करेंगे। चीन के इस बयान ने यूक्रेन और अमेरिका के कान खड़े कर दिए हैं।
पिछले कुछ हफ्तों से रूस पर बढ़े यूक्रेनी हमलों के बीच चीन ने सोमवार को ऐलान किया कि उसकी और रूस की सेनाएं इसी महीने बड़ा संयुक्त युद्ध अभ्यास करेंगे। चीन के इस बयान ने यूक्रेन और अमेरिका के कान खड़े कर दिए हैं। चीन और रूस के बीच होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास की सटीक तारीख की तो घोषणा नहीं हुई लेकिन, कार्यक्रम इसी महीने किया जाएगा, इसमें दोनों देशों की नौसेना और वायु सेनाएं हिस्सा लेंगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य अभ्यास आसमान में और जापानी ओखोटस्क सागर के आसपास किया जाना है। चीन और रूस के बीच इससे पहले सैन्य अभ्यास जुलाई महीने में हुआ था, तब नाटो ने इस मिलिट्री ड्रिल की आलोचना की थी।
जुलाई महीने में जब रूस और चीन की सेनाओं ने संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था तब पश्चिम देशों के समूह नाटो ने चीन की कड़ी निंदा की थी और आरोप लगाया था कि यूक्रेन में बढ़ते संघर्ष के लिए रूस को चीन की मदद मिल रही है। दो महीने में दूसरी बार रूस और चीन की सेनाएं सैन्य अभ्यास के जुट रहे हैं। चीन के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इसकी पुष्टि की कि अभ्यास इसी महीने किया जाएगा, हालांकि अभी तारीख का ऐलान नहीं हुआ है।
दो महीने में दूसरी बार क्यों हो रहा युद्ध अभ्यास
चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नौसेना और वायु सेनाएं आसमान में और जापानी ओखोटस्क सागर के आसपास, रूस के तट पर "उत्तर-संयुक्त 2024" अभ्यास में भाग लेंगी। मंत्रालय ने कहा, "इस अभ्यास का उद्देश्य चीनी और रूसी सेनाओं के बीच रणनीतिक सहयोग स्तर को गहरा करना और सुरक्षा खतरों से संयुक्त रूप से निपटने की उनकी क्षमता को बढ़ाना है।" इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष संयुक्त समुद्री गश्त के लिए "प्रशांत महासागर के समुद्री क्षेत्रों" में नौसैनिक बेड़े भेजेंगे और चीन रूस के "महासागर-2024" रणनीतिक अभ्यास में भी भाग लेगा।
जुलाई में भी हुआ था सैन्य अभ्यास
इससे पहले इसी साल जुलाई में, दोनों देशों ने दक्षिणी चीन के गुआंग्डोंग प्रांत के शहर झानजियांग के आसपास जल और हवाई क्षेत्र में संयुक्त अभ्यास किया था। ये अभ्यास उसी सप्ताह हुए जब नाटो नेताओं ने चेतावनी दी थी कि चीन यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का समर्थक बन गया है। जिसके बाद बीजिंग ने अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गुट को "भड़काने" के खिलाफ चेतावनी दी।
गौरतलब है कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमलों के बाद व्लादिमीर पुतिन और चीन के प्रमुख शी जिनपिंग के बीच दोस्ती प्रगाढ़ हुई है। हाल के वर्षों में सैन्य और आर्थिक सहयोग बढ़ा है। दोनों "पश्चिम" के खिलाफ हैं, खासकर दोनों देश अमेरिकी प्रभुत्व से नफरत करते हैं। पिछले महीने, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को में चीनी प्रधान मंत्री ली कियांग से मुलाकात के दौरान कहा था कि चीन के साथ रूस के आर्थिक और व्यापारिक संबंध "परिणाम दे रहे हैं"।
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