तानाशाह नहीं हैं हमारे राष्ट्रपति, जेलेंस्की के समर्थन में उतरे यूक्रेनवासी; ट्रंप को सीधा संदेश
- ट्रंप ने दावा किया था कि यूक्रेन का नेतृत्व एक ‘तानाशाह’ कर रहा है जिसने रूस के साथ युद्ध शुरू किया। इसके बाद यूक्रेनी लोग जेलेंस्की के प्रति समर्थन जता रहे हैं।

यूक्रेन पर रूस के हमले की तीसरी वर्षगांठ से कुछ दिन पहले यूक्रेनवासी उतने ही उदास और तनावग्रस्त हैं, जितने मॉस्को द्वारा युद्ध शुरू करने से ठीक पहले थे। अब, वे केवल अपने पुराने दुश्मन के बारे में चिंतित नहीं हैं। यूक्रेन के लिए चौंकाने वाला नया खतरा उसके एक समय के सबसे अच्छे सहयोगी, अमेरिका से है, जिसका समर्थन कमजोर पड़ता दिख रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों के बीच लड़ाई को रोकने का संकल्प जताते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वर में स्वर मिलाते दिख रहे हैं।
ट्रंप ने दावा किया था कि यूक्रेन का नेतृत्व एक ‘तानाशाह’ कर रहा है जिसने रूस के साथ युद्ध शुरू किया। इसके बाद यूक्रेनी लोग जेलेंस्की के प्रति समर्थन जता रहे हैं, जिन्होंने रूस की ‘गलत सूचनाओं’ को बढ़ावा देने के लिए ट्रंप की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। कीव की 25 वर्षीय तकनीकी कर्मचारी कैटरीना करौश ने कहा, ‘‘हां, वह एक आदर्श राष्ट्रपति नहीं हैं, लेकिन वह तानाशाह भी नहीं हैं।’’
लंबे समय से चली आ रहीं चुनौतियों के बावजूद, यूक्रेन के लोगों ने अमेरिका से भारी सैन्य समर्थन के साथ रूस को अपने देश पर कब्जा करने से रोका हुआ है, भले ही इसका लगभग पांचवां हिस्सा अब रूस के नियंत्रण में है। लेकिन तीन साल के युद्ध के बाद, नागरिक और सैनिक दोनों ही थक चुके हैं। हजारों लोग मारे गए या घायल हुए हैं, हजारों लापता हैं और लाखों लोग देश छोड़कर चले गए हैं।
ट्रंप की आलोचना के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने जेलेंस्की का समर्थन किया
ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेनी राष्ट्रपति को “तानाशाह” कहे जाने के तुरंत बाद एक फोन कॉल में वोलोदिमीर जेलेंस्की को समर्थन की पेशकश की। ट्रंप की यह टिप्पणी रूस के साथ संघर्ष से निपटने के उनके तरीके की आलोचनाओं के बाद आई थी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आवास व कार्यालय ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ की ओर से बुधवार रात को जारी बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री (स्टार्मर) ने यूक्रेन के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता के रूप में राष्ट्रपति जेलेंस्की के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और कहा कि युद्ध के दौरान चुनावों को स्थगित करना पूरी तरह से उचित था, जैसा कि ब्रिटेन ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया था।”
जेलेंस्की का पांच साल का कार्यकाल पिछले साल मई में समाप्त हो गया था, लेकिन रूस के साथ देश में चल रहे संघर्ष के बीच घोषित मार्शल लॉ के तहत चुनाव स्थगित हैं। डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा, “प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रयासों के प्रति अपना समर्थन दोहराया, जिससे रूस को भविष्य में किसी भी आक्रमण से रोका जा सके।” यह बयान आने वाले दिनों में ट्रंप के साथ वार्ता के लिए स्टार्मर की वाशिंगटन यात्रा से पहले आया है।
पुतिन के बिछाए जाल में फंस रहे ट्रंप
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को 18 फरवरी को सऊदी अरब में हुई उनके देश के भविष्य से संबंधित चर्चा से बाहर रखा गया। इस वार्ता के दौरान न तो कोई यूक्रेनी प्रतिनिधि था और न ही यूरोपीय संघ का कोई प्रतिनिधि था। वार्ता में केवल अमेरिकी एवं रूसी प्रतिनिधिमंडल और उनके सऊदी मेजबान थे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद यह बैठक हुई। इस बैठक का रूस में हर्षोल्लास से जश्न मनाया गया। यूक्रेन के भविष्य के बारे में निर्णय लेने में उसकी कोई भूमिका न होना, पुतिन की अपने पड़ोसी के प्रति नीति के अनुरूप है। पुतिन लंबे समय से यूक्रेन देश और यूक्रेन सरकार की वैधता को अस्वीकार करते रहे हैं।
हालांकि, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने दोहराया कि भविष्य की चर्चाओं में किसी न किसी स्तर पर यूक्रेन को शामिल करना होगा, लेकिन ट्रंप प्रशासन के कार्यों एवं शब्दों ने कीव की स्थिति और प्रभाव को निस्संदेह कमजोर किया है। अमेरिका जेलेंस्की और यूक्रेन सरकार को अवैध ठहराने की रूस की योजना के अनुरूप तेजी से आगे बढ़ रहा है और शांति समझौते के तहत यूक्रेन में चुनाव कराने की वकालत कर रहा है।
जेलेंस्की की वैधता पर सवाल
जेलेंस्की की वैधता को चुनौती देना यूक्रेनी नेतृत्व को बदनाम करने, यूक्रेन के लिए उसके प्रमुख सहयोगियों से समर्थन को कमजोर करने और जेलेंस्की एवं संभवतः यूक्रेन को वार्ता में भागीदार के रूप में शामिल नहीं करने के लिए रूस द्वारा जानबूझकर चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है।
रूसी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उनका देश शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन तीन साल से जारी युद्ध के कई पर्यवेक्षकों को उनके इस दावे पर संदेह है, क्योंकि यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार जारी हैं और वह अभी तक किसी भी अस्थायी युद्धविराम समझौते पर सहमत नहीं हुआ है। इसके बावजूद, रूस यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि समस्या यह है कि यूक्रेन में ऐसा कोई वैध यूक्रेनी प्राधिकार नहीं है, जिसके साथ वह बात कर सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।