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अमेरिका और रूस जंग में उलझे रहे, इधर चीन ने फिर साधे इस्लामिक दुनिया के दोनों गुट

  • सऊदी अरब और ईरान जैसे परंपरागत प्रतिद्वंद्वियों को एक मंच पर ला चुके चीन ने एक बार फिर से समिट का आयोजन किया। मंगलवार को हुए इस कार्यक्रम में चीन के उप-विदेश मंत्री डेंग ली शामिल थे। इसके अलावा सऊदी उप-विदेश मंत्री वलीद-बिन अब्दुल करीम और उनके ईरानी समकक्ष माजिद तख्त रावांची थे।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, रियाद/तेहरानWed, 20 Nov 2024 06:27 PM
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दुनिया की दो महाशक्तियां कहे जाने वाले अमेरिका और रूस आपस में उलझे हुए हैं। दोनों देशों के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर संघर्ष की स्थिति है। इसके अलावा अमेरिका तो इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को भी सुलझाने में जुटा है। इस बीच चीन ने एक बार फिर से इस्लामिक दुनिया में अपना दखल बढ़ाया है। सऊदी अरब और ईरान जैसे परंपरागत प्रतिद्वंद्वियों को एक मंच पर ला चुके चीन ने एक बार फिर से समिट का आयोजन किया। मंगलवार को हुए इस कार्यक्रम में चीन के उप-विदेश मंत्री डेंग ली शामिल थे। इसके अलावा सऊदी उप-विदेश मंत्री वलीद-बिन अब्दुल करीम और उनके ईरानी समकक्ष माजिद तख्त रावांची थे।

इस दौरान सऊदी अरब और ईरान ने कहा कि हम बीजिंग एग्रीमेंट का पालन करेंगे। बीते साल ही चीन ने दोनों देशों के प्रतिनिधियों को बीजिंग बुलाया था और उनके बीच समझौता कराया था। उसके बाद से ही ईरान और सऊदी अरब के रिश्तों में सुधार देखा जा रहा है। इसे चीन भी अपनी ताकत के तौर पर देख रहा है। उसने ईरान और सऊदी अरब को साधकर इस्लामिक दुनिया के दोनों ध्रुवों के बीच अपनी पैठ बनाई है। एक तरफ सऊदी अरब सुन्नी मुसलमानों की रहनुमाई करता है तो वहीं ईरान शिया मुस्लिमों का नेता खुद को मानता है।

दोनों देशों के बीच लंबी प्रतिद्वंद्विता भी रही है। ऐसे में सऊदी अरब और ईरान को साथ लाकर चीन ने बड़ी सफलता पाने की कोशिश की है। चीन की मौजूदगी में ईरान और सऊदी अरब के नेताओं ने कहा कि हम सभी जरूरी मसलों पर सीधी बात करेंगे और संवाद का रास्ता कायम रहेगा। इस दौरान ईरान और सऊदी अरब के बीच हज यात्रा को लेकर भी समझौता हुआ। वहीं चीन, ईरान और सऊदी अरब ने कहा कि इजरायल को गाजा से वापस लौटना चाहिए। तीनों देशों ने एक स्वर में कहा कि इजरायल को अब गाजा में हमले बंद करने चाहिए। इसके अलावा ईरान की संप्रभुता को चुनौती देते हुए हमले करने की भी आलोचना की गई।

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