Hindi Newsविदेश न्यूज़North Korea sending troops weapons to Ukraine war for oil needs not for friendship Vladimir Putin

पुतिन से दोस्ती नहीं, इस खास वजह से सैनिकों को यूक्रेन युद्ध में भेज रहा तानाशाह किम जोंग

  • North Korea: यूक्रेन-रूस युद्ध में सैनिकों और हथियारों की मदद के बदले रूस ने उत्तर कोरिया को कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बावजूद रूस लगातार नॉर्थ कोरिया को तेल भेज रहा है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानFri, 22 Nov 2024 06:09 PM
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रूस यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने वाले तानाशाह किम जोंग का असली मकसद सामने आ गया है। पुतिन की पिछली उत्तर कोरिया की यात्रा के बाद से रूस और उत्तर कोरिया के बीच में दोस्ती काफी गहरी हो गई थी। दोनों नेताओं को साथ में घूमते हुए भी देखा गया था। हालांकि अब एक रिपोर्ट में दावा किया गया है रूस को युद्ध में मदद करने के बदले उत्तर कोरिया बदले में रूस का कच्चा तेल चाहता था। दरअसल, दुनिया में उत्तर कोरिया एकमात्र देश है जिसे खुले बाजार से तेल खरीदने की अनुमति नहीं है।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के एक एनजीओ ने सैटेलाइट तस्वीरों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि रूस की तरफ से नॉर्थ कोरिया को लगातार कच्चा तेल भेजा जा रहा है। इस साल मार्च से लेकर अब तक मॉस्को 10 लाख बैरल से ज्यादा तेल प्योंगयांग भेज चुका है। ब्रिटेन के प्रमुख विषेशज्ञों और विदेश सचिव डेविड लैमी की मानें तो रूस की तरफ से भेजा जा रहा कच्चा तेल उन सैनिकों और हथियारों का भुगतान है, जो उत्तर कोरिया ने युद्ध में भेजे हैं।

सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, उत्तर कोरियाई जहाज पिछले 8 महीनों में 43 बार रूस के तेल टर्मिनल के आसपास दिखाई दिए हैं। सैटेलाइट की आगे की तस्वीरों के हवाले से बताया गया कि उत्तर कोरिया से टैंकर खाली आते हैं और वापस जाते समय भरे हुए दिखाई देते हैं। रिपोर्ट में कहा गया रूस के वोस्तोचन बंदरगाह तक जाने और वापस आने के दौरान, उत्तर कोरिया के जहाज अपनी गतिविधि को छिपाने के लिए अपने ट्रैकर्स को बंद रखते हैं।

दोनों देशों के बीच में पहला लेन-देन 7 मार्च 2024 को हुआ था। इसके कुछ महीनों बाद ही रिपोर्ट्स सामने आने लगी थी कि उत्तर कोरिया रूस की मदद करने के लिए हथियारों को मॉस्को भेज रहा है। इसके बाद तानाशाह किम जोंग ने अपने करीब 11 हजार सैनिकों को भी युद्ध में भेजा। दूसरी तरफ रूस ने भी तेल भेजना जारी रखा। सैटेलाइट ने आखिरी तेल टैंकर 5 नवंबर को दर्ज किया था।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने खुले बाजार से तेल खरीदने को लेकर उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। लैमी ने आरोप लगाया कि अगर पुतिन खुले तौर पर उत्तरकोरिया को तेल मुहैया कर रहे हैं तो वह नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए और उसकी अर्थव्यवस्था को दबाने के लिए प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन बाद में तेल की कालाबाजरी को रोकने के लिए यूएन ने 2017 में उत्तर कोरिया को होने वाली तेल सप्लाई पर 5 मिलियन बैरल सालाना की कैप लगा थी। इसके मुताबिक तय मात्रा से अधिक कोई भी देश उसे तेल नहीं बेच सकता है।

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