गाजा में तबाही के बाद नई उम्मीद, अरब देशों ने बनाया मास्टरप्लान; ट्रंप की ‘टेकओवर’ योजना खारिज
- ट्रंप ने हाल ही में एक AI से बना वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक गोल्डन गाजा दिखाया गया, जहां उनकी मूर्ति चमक रही थी, उनके सहयोगी एलन मस्क समुद्र तट पर स्नैक्स का आनंद ले रहे थे।

काहिरा में आयोजित आपातकालीन शिखर सम्मेलन में अरब नेताओं ने 53 अरब डॉलर की पुनर्निर्माण योजना को मंजूरी दी। यह योजना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विवादास्पद "गाजा अधिग्रहण" योजना के खिलाफ पेश की गई है, जिसमें उन्होंने 20 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों को वहां से बाहर ले जाने का सुझाव दिया था। अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल गैत ने बैठक के अंत में घोषणा करते हुए कहा, "यह अब केवल मिस्र की योजना नहीं, बल्कि एक अरब योजना है। अरब जगत की स्थिति स्पष्ट है- हम किसी भी तरह के विस्थापन को अस्वीकार करते हैं, चाहे वह स्वैच्छिक हो या जबरन।"
गाजा पुनर्निर्माण योजना: मलबे से उठेगा नया शहर या फिर छिड़ेगा नया विवाद?
मिस्र ने इस पुनर्निर्माण योजना के लिए एक विस्तृत 91 पेज का दस्तावेज तैयार किया है, जिसमें हरियाली से भरपूर मोहल्लों और भव्य सार्वजनिक भवनों की तस्वीरें शामिल हैं। इस प्रस्ताव को अमेरिका द्वारा पेश की गई "मिडिल ईस्ट रिवेरा" योजना के जवाब के रूप में लाया गया है, जिसे अरब देशों सहित कई अन्य देशों ने नकार दिया था।
मिस्र की योजना केवल संपत्ति विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें फिलिस्तीनियों के अधिकारों और राजनीतिक समाधान पर भी जोर दिया गया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी ने अपने उद्घाटन भाषण में दो-राष्ट्र समाधान (टू-स्टेट सॉल्यूशन) पर भी जोर दिया, जिसमें फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी जाएगी। हालांकि, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके सहयोगी इस समाधान को पूरी तरह खारिज कर चुके हैं।
गाजा के प्रशासन की अस्थायी व्यवस्था
नए प्रस्ताव के अनुसार, गाजा को "फिलिस्तीनी सरकार के अधीन एक गाजा प्रबंधन समिति" द्वारा अस्थायी रूप से चलाया जाएगा, जिसमें योग्य टेक्नोक्रेट शामिल होंगे। हालांकि, इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इसमें हमास की क्या भूमिका होगी। केवल इतना कहा गया कि "उग्रवादी गुट एक बाधा हैं और यदि इजरायल के साथ संघर्ष के मूल कारण समाप्त हो जाते हैं, तो इस मुद्दे का समाधान हो सकता है।"
अरब देशों के बीच इस बात पर मतभेद हैं कि हमास को पूरी तरह समाप्त किया जाए या इस निर्णय को फिलिस्तीनियों पर छोड़ दिया जाए। हालांकि, हमास ने संकेत दिया है कि वह गाजा के प्रशासन में कोई भूमिका नहीं निभाएगा, लेकिन उसने अपने हथियार डालने से साफ इनकार कर दिया है।
सुरक्षा व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय समर्थन
योजना के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से गाजा में अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिकों की तैनाती की अपील की गई है। इसके अलावा, पुनर्निर्माण के लिए अगले महीने एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जहां इस विशाल परियोजना के लिए धन जुटाने की कोशिश की जाएगी।
समृद्ध खाड़ी देश इस परियोजना के लिए वित्तीय सहायता देने को तैयार दिख रहे हैं, लेकिन निवेश करने से पहले वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भविष्य में कोई नया युद्ध इन संरचनाओं को नष्ट न कर दे। वर्तमान में चल रही नाजुक संघर्षविराम वार्ता, जो टूटने की कगार पर है, इस अनिश्चितता को और बढ़ा सकती है।
पुनर्निर्माण की तीन चरणों वाली योजना
गाजा पुनर्निर्माण योजना को तीन चरणों में लागू किया जाएगा:
पहला चरण (छह महीने का शुरुआती चरण) – मलबे को हटाने और अविश्फोटित गोला-बारूद को साफ करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
दूसरा और तीसरा चरण – कई वर्षों तक चलेंगे, जिनमें बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
इस दौरान, विस्थापित फिलिस्तीनियों (लगभग 15 लाख) को अस्थायी घरों में रखा जाएगा। मिस्र द्वारा तैयार की गई प्रचार पुस्तिका में इन अस्थायी घरों को आकर्षक डिजाइन और हरे-भरे परिदृश्य में दिखाया गया है।
अरब देशों का मास्टरप्लान, ट्रंप के ‘गोल्डन गाजा’ का करारा जवाब!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभी भी अपनी योजना को सर्वश्रेष्ठ विकल्प बता रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक एआई से बना वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक "गोल्डन गाजा" दिखाया गया, जहां उनकी मूर्ति चमक रही थी, उनके सहयोगी एलन मस्क समुद्र तट पर स्नैक्स का आनंद ले रहे थे, और वे खुद नेतन्याहू के साथ धूप सेंकते हुए नजर आ रहे थे। इस वीडियो में एक गीत भी था, जिसके बोल थे "ट्रंप गाजा आ गया है।" इस वीडियो ने न केवल अरब जगत, बल्कि पूरी दुनिया में आक्रोश पैदा किया। काहिरा में एक पश्चिमी राजनयिक ने मिस्र की योजना को ट्रंप के विचारों का "बुद्धिमत्तापूर्ण जवाब" बताया।
अरब जगत का हकीकत से जुड़ा पुनर्निर्माण मॉडल!
मिस्र ने इस योजना को विकसित करने के लिए विश्व बैंक, दुबई के होटल डेवलपर्स और अन्य वैश्विक विशेषज्ञों की सहायता ली है। इसमें हिरोशिमा, बेरूत और बर्लिन जैसे शहरों के पुनर्निर्माण से मिली सीख को भी शामिल किया गया है। ट्रंप ने कहा कि वह किसी पर अपनी योजना "थोपेंगे नहीं," लेकिन वह अब भी इस पर जोर दे रहे हैं कि "उनकी योजना ही असली समाधान है।" अब यह अरब देशों और उनके सहयोगियों के ऊपर है कि वे अपनी योजना को सफल साबित करें।
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