लगता है नेपोलियन का अंजाम भूल गए, पुतिन की फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को सीधी नसीहत
- फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को जवाब देते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बिना उनका नाम लिए कहा कि कुछ लोग नेपोलियन के समय में वापस जाना चाहते हैं। कुछ लोग शायद भूल गए हैं कि नेपोलियन का अंजाम क्या हुआ था।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के रूस को यूरोप के लिए एक खतरा बताए जाने पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जवाब दिया है। गुरुवार को पुतिन ने कहा कि लगता है कुछ लोग भूल गए हैं कि नेपोलियन के साथ क्या हुआ था। दरअसल, पुतिन का यह जवाब मैक्रों के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस केवल यूक्रेन ही नहीं बल्कि पूरे यूरोप और उसके बाद अमेरिका के लिए भी खतरा है। यूरोप की बेहतरी क लिए अमेरिका को तुरंत ही रूस से अलग हो जाना चाहिए। उन्होंने इससे निपटने के लिए पूरे यूरोप को न्यूक्लियर अम्ब्रैला के नीचे लाने का प्रस्ताव भी दिया था।
राष्ट्रपति पुतिन ने मैक्रों का नाम लिए बिना कहा कि यूरोप में अभी भी कुछ लोग हैं, जो नेपोलियन के समय में वापस जाना चाहते हैं। वह यह भूल जाते हैं कि नेपोलियन का अंजाम क्या हुआ था। दरअसल, पुतिन यहाँ पर 19वीं सदी में फ्रांस के सम्राट रहे नेपोलियन की बात कर रहे थे, जिन्होंने 1812 में मॉस्को पर हमला बोल दिया था लेकिन भारी सर्दी की वजह से उन्हें काफी जान-माल का नुकसान उठाते हुए करारी हार का सामना करना पड़ा था।
मैक्रों ने क्या कहा
फ्रांस के नागरिकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने मैक्रों ने कहा कि रूस केवल यूक्रेन के लिए खतरा नहीं है बल्कि यह पूरे यूरोप के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगी अमेरिका ने इस युद्ध में अपनी स्थिति को बदल दिया है, वह यूक्रेन को कम समर्थन कर रहा है, ऐसे में आगे क्या होगा इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता। मैं उम्मीद करूंगा कि अमेरिका हमारे पक्ष में ही रहेगा लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा।
इसके साथ ही राष्ट्रपति ने पूरे यूरोप को परमाणु सुरक्षा मुहैया कराने का भी प्रस्ताव रखा। वहीं उन्होंने उन देशों की भी बैठक बुलाई जो यूक्रेन में शांति सेना भेजना चाहते हैं।
रुस का विरोध
राष्ट्रपति पुतिन के नेपोलियन वाले बयान के पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मैक्रों की निंदा की। उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्र्पति द्वारा परमाणु नीति की बात करना रूस के लिए एक नया खतरा पेश कर रहा है। उनका भाषण परमाणु धमकी का स्पष्ट संकेत है। फ्रांस की महत्वाकांक्षा अब पूरे यूरोप का संरक्षक बनने की है। यह अमेरिकी परमाणु सुरक्षा व्यवस्था को भी चुनौती देता है। यह न तो फ्रांस की सुरक्षा के लिए सही होगा और न ही उसके सहयोगियों के लिए।
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