कमला हैरिस ने बताया- नाना ने भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी, लोगों ने कहा आप झूठी हैं…
- कमला हैरिस ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने हालिया एक्स पोस्ट में अपने नाना-नानी को याद किया है। हालांकि यूजर्स ने उनके एक दावे पर हैरानी जताई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर अपनी दावेदारी पेश कर रहीं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ग्रैंड पैरेंट्स डे के मौके पर अपने नाना-नानी को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने अपने नाना-नानी पीवी गोपालन और राजम गोपालन को को याद करते हुए भारत में बिताए अपने दिनों को भी याद किया है। एक्स पर अपने पोस्ट में हैरिस ने एक पुरानी फैमिली फोटो शेयर की। साथ ही कमला हैरिस ने दावा किया कि उनके नाना ने भारत की आजादी की लड़ाई में भाग लिया था। हैरिस 10 सितंबर को एबीसी की बहस में डोनाल्ड ट्रम्प का सामना करने की तैयारी कर रही हैं।
हैरिस ने रविवार को एक्स पर लिखा, "जब मैं छोटी बच्ची थी और भारत में अपने नाना-नानी से मिलने जाती थी तो मेरे नाना मुझे सुबह की सैर पर ले जाते थे। वे मेरे साथ असमानता और भ्रष्टाचार से लड़ने के महत्व पर चर्चा करते थे। वे एक रिटायर्ड सिविल सेवक थे जो भारत की आजादी के आंदोलन का हिस्सा थे।"
उन्होंने मुझे लोगों की सेवा करना सिखाया- हैरिस
गौरतलब है कि कमला हैरिस सिविल सेवक पीवी गोपालन का जिक्र कर रही थीं जिन्होंने देश की आजादी के बाद भारतीय सरकार और औपनिवेशिक काल के दौरान ब्रिटिश प्रशासन दोनों के लिए काम किया था। कुछ रिपोर्ट के मुताबिक गोपालन ने पूर्वी पाकिस्तान, अब बांग्लादेश से शरणार्थियों को भारत लाने में मदद की थी। इसके अलावा उन्होंने जाम्बिया के पूर्व राष्ट्रपति केनेथ कौंडा के सलाहकार के रूप में काम किया। उनकी पत्नी राजम गोपालन ने जाम्बिया में अपने सामाजिक कार्यों के लिए पहचान बनाई थी। कमला हैरिस ने कहा, "मेरी दादी पूरे भारत में यात्रा करती थीं। वे महिलाओं से परिवार नियोजन जैसे मुद्दों पर बात करती थीं। लोगों की सेवा और उनके बेहतर भविष्य के लिए उनकी प्रतिबद्धता आज भी मेरे अंदर जिंदा है।"
सोशल मीडिया पर लोगों ने हैरिस को कहा झूठी
इस बीच सोशल मीडिया यूजर्स ने हैरिस के अपने दादा के बारे में दावे पर को पूरी तरह गलत बताया। लोगों ने कहा कि वे ब्रिटिश इंपीरियल सेक्रेटेरिएट सर्विस के सदस्य थे जिसने भारत की आजादी के बाद अपना नाम बदलकर सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विस कर लिया। एक यूजर ने सवाल किया, "एक सेवारत नौकरशाह उसी सरकार का विरोध करने और नियमों का उल्लंघन करने वाले स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा कैसे हो सकते है?" एक अन्य यूजर ने कहा, "आप जो कुछ भी कह रही हैं वह सब झूठ है।" एक और यूजर ने लिखा, "आप अमेरिकी भी नहीं हैं। भारत में अपनी नानी के बारे में झूठ बोलना बंद करें। आप झूठी हैं।"
कमला हैरिस ने पहले भी किया है ये दावा
गौरतलब है कि कमला हैरिस ने अक्सर पीवी गोपालन को भारत के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक कहा है। हालांकि रिकॉर्ड के अनुसार गोपालन एक सिविल सेवक थे। गोपालन के बेटे, हैरिस के चाचा जी बालचंद्रन ने दावा किया है कि अगर उनके पिता ने सार्वजनिक रूप से ब्रिटिश शासन के अंत का समर्थन किया होता तो उन्हें बर्खास्त किया जा सकता था। 1911 में गोपालन का जन्म मद्रास के प्रेसीडेंसी के करीब पैंगानाडु में हुआ था।
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