मूर्ख हैं ट्रूडो, खालिस्तानी तत्व उनकी ही देन; कनाडा के सिख नेता ने प्रधानमंत्री की बखिया उधेड़ी
- कनाडा में सांसद रहे उज्ज्वल दोसांझ ने कहा कि सिखों की बहुसंख्यक आबादी शांत है और उन्हें खालिस्तान जैसी चीज से कोई लेना देना नहीं है। वे बोलते नहीं हैं क्योंकि उन्हें हिंसा का डर है और उसके अपने परिणाम हो सकते हैं। जस्टिन ट्रूडो तो मूर्ख हैं और सामाजिक तौर पर कोई जानकारी उन्हें नहीं है।
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अपने देश में सक्रिय कट्टरपंथी खालिस्तानी तत्वों का बचाव करते रहे हैं। यही नहीं खालिस्तानी उग्रवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भी ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए हैं और इसके चलते संबंध बिगड़ गए हैं। इस बीच कनाडा में ही जस्टिन ट्रूडो को विरोध हो रहा है और लोग उनकी नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं। कनाडा के ही वैंकुवर में रहने वाले एक सिख नेता उज्ज्वल दोसांझ ने तो जस्टिन ट्रूडो को मूर्ख करार दिया। उन्होंने कहा कि ट्रूडो सामाजिक और राजनीतिक तौर पर एक इडियट आदमी हैं।
उन्होंने कनाडा के अखबार नेशनल पोस्ट से बातचीत में कहा,'सिखों की बहुसंख्यक आबादी शांत है और उन्हें खालिस्तान जैसी चीज से कोई लेना देना नहीं है। वे बोलते नहीं हैं क्योंकि उन्हें हिंसा का डर है और उसके अपने परिणाम हो सकते हैं।' माना जाता है कि हिंदू और मुस्लिमों के बीच विभाजन कराने में जिस तरह अंग्रेजों की भूमिका थी, वैसी ही कोशिश उन्होंने सिखों के साथ भी की थी। इसी के चलते 1930 से ही अलग खालिस्तान की मांग उठती रही है। भारत में इसे ज्यादा समर्थन कभी नहीं मिल सका। 1970 और 1980 के दशक में पंजाब में इसका असर जरूर दिखा था, लेकिन फिर धीरे-धीरे वह स्वर भी शांत हो गए।
फिलहाल ऐसी स्थिति है कि कनाडा जैसे मुल्क में खालिस्तानी तत्व अकसर उपद्रव करते हैं। कभी हिंदू मंदिर पर अटैक होता है तो कभी भारतीय कौंसुलेट को निशाना बनाते हैं। इसके चलते दोनों देशों के रिश्ते भी काफी खराब हो गए हैं। हालांकि उज्ज्वल दोसांझ जैसे कुछ सिख लीडर भी हैं, जो खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। वह ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में एनडीपी के सांसद रहे हैं। इसके अलावा पूर्व पीएम पॉल मार्टिन की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। वह 1985 से ही खुलकर बोलते रहे हैं, जब एयर इंडिया की एक फ्लाइट पर हमला हुआ था और उसमें 329 लोग मारे गए थे।
कई बार उज्ज्वल दोसांझ को धमकियां भी मिल चुकी हैं, लेकिन 78 वर्षीय नेता कभी झुके नहीं। वह खुलकर बोलते रहे हैं। उनका कहना है कि कनाडा में 8 लाख सिख रहते हैं, लेकिन उनमें से कुछ मुट्ठी भर लोग ही इस एजेंडे में फंसते होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की संख्या 5 फीसदी से भी कम होगी। बता दें कि बीते साल हरदीप सिंह निज्जर का सरे के ही एक गुरुद्वारे की पार्किंग में मर्डर हो गया था। इस मामले को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब ट्रूडो ने आरोप लगाया कि इस मामले में भारत सरकार के एजेंट्स की भूमिका थी।
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