बेहद वीभत्स, पुलिस तो मानो...हिंदू मंदिर में हमले पर कनाडाई पत्रकार ने खोली ट्रूडो सरकार की पोल
- कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर ट्रूडो सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। कनाडा के ही एक पत्रकार ने वहां की पुलिस पर सवाल उठाया है। इस पत्रकार ने कहाकि हालिया हमले बहुत ज्यादा वीभत्स थे।
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर ट्रूडो सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। कनाडा के ही एक पत्रकार ने वहां की पुलिस पर सवाल उठाया है। इस पत्रकार ने कहाकि हालिया हमले बहुत ज्यादा वीभत्स थे। अब तो सारी सीमाएं पार हो चुकी हैं। गौरतलब है कि ब्रैम्पटन के एक मंदिर में हिंदुओं पर हमला किया गया। यह हमला खालिस्तानियों की तरफ से किया गया। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हिंदू श्रद्धालुओं पर बर्बरतापूर्वक डंडे बरसाए जा रहे हैं।
कनाडाई पत्रकार का नाम डैनियल बोर्डमैन है। उसने कहाकि ऐसा पहली बार हुआ है कि इस देश में दिन की रोशनी में हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला किया गया। पत्रकार ने यह भी बताया कि इस दौरान पुलिस का रिस्पांस बिल्कुल भी ठीक नहीं था। बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक मंदिर पर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा किए गए हमले की निंदा की। उन्होंने कहाकि हर कनाडाई को अपनी आस्था का स्वतंत्र तरीके से और सुरक्षित माहौल में पालन करने का अधिकार है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सोमवार को लिखा कि ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा अस्वीकार्य है। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र तरीके से और सुरक्षित माहौल में पालन करने का अधिकार है।
गौरतलब है कि भारत ने कनाडा में ब्रैम्पटन, ओंटारियो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के लाभार्थी शिविरों के बाहर खालिस्तानी उग्रवादियों के हिंसक उपद्रवों एवं देश की सरकार द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं करने पर गहरा रोष जताया है। बयान में कहा गया कि हमने आज टोरंटो के निकट ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के साथ मिलकर आयोजित कांसुलर शिविर के बाहर भारत विरोधी तत्वों द्वारा की गई हिंसक गड़बड़ी देखी है। यह देखना बेहद निराशाजनक है कि हमारे वाणिज्य दूतावासों द्वारा स्थानीय सह-आयोजकों के पूर्ण सहयोग से आयोजित किए जाने वाले नियमित वाणिज्य दूतावास संबंधी कार्य में इस तरह के व्यवधान की अनुमति दी जा रही है। हम भारतीय नागरिकों सहित आवेदकों की सुरक्षा के लिए भी बहुत चिंतित हैं, जिनकी मांग पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।