Hindi Newsविदेश न्यूज़Israel Iran war Iran faces tough choices in deciding how to respond to Israeli strikes

मिडिल ईस्ट में आगे क्या? इजरायली हमलों के बाद ईरान के सिर लटक रही दो धारी तलवार

  • Israel Iran war: इजरायल ने ईरान पर हमला कर अपना बदला पूरा कर लिया है। इस हमले के बाद अब सभी निगाहें ईरान की तरफ हैं। ईरान के लिए स्थिति बीच मंझधार में फंसे नाव जैसी हो गई है और फिलहाल उसे तय करना है कि इस हमले का जवाब कैसे दिया जाए।

Jagriti Kumari एपीMon, 28 Oct 2024 10:15 AM
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इजरायली हमलों के बाद अब पूरी दुनिया की निगाहें ईरान पर हैं। मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के बीच आने वाले दिनों में हालात कैसे होंगे यह इस बात पर निर्भर होगा कि ईरान इजरायल के इस हमले का जवाब कैसे देता है। सामान्य स्थिति में इजरायल इसे एक सार्वजनिक चुनौती की तरह देखेगा और जोरदार प्रतिक्रिया भी देने की संभावना है। हालांकि जानकारों की माने तो ईरान अभी सीधे तौर पर जवाबी कार्रवाई करने से बच सकता है क्योंकि ऐसा करने से उसकी कमजोरियां भी सामने आ सकती हैं और आर या पार के मूड में बैठे इजरायल का सीधा सामना करना पड़ सकता है।

एक ओर ईरान संभवतः इजरायल पर एक बार फिर बैलिस्टिक मिसाइल हमले कर सकता है। इस साल ईरान ने पहले भी दो बार इजरायल पर सीधा हमला किया है। सैन्य रूप से जवाबी कार्रवाई करने से ईरान को ना सिर्फ अपने लोगों के सामने, बल्कि इजरायल के साथ अलग अलग मोर्चों पर जंग लड़ रहे हमास और हिजबुल्लाह के सामने भी ताकत दिखाने का मौका मिलेगा। हालांकि अभी कहना जल्दबाजी होगी कि ईरान इसी रास्ते पर चलेगा।

इस मामले पर लंदन स्थित थिंक टैंक चैथम हाउस में मिडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम के निदेशक ने कहा है कि ईरान इस समय सैन्य और आर्थिक प्रतिबंध, अमेरिकी चुनाव और क्षेत्र में अमेरिकी नीति पर इसके प्रभाव के कारण कई अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है। मध्यपूर्व में तनाव के दौरान भी ईरान के सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन संकेत दे रहे हैं कि उनका देश अमेरिका के साथ एक नया परमाणु समझौता चाहता है ताकि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को कम किया जा सके। शनिवार रात ईरान की सेना द्वारा सावधानीपूर्वक दिए गए बयान से ऐसा लगता है कि ईरान इस लड़ाई से पीछे हटने की कोशिश कर रहा है। सेना ने सुझाव दिया है कि गाजा और लेबनान में संघर्ष विराम इजरायल के खिलाफ किसी भी जवाबी कार्रवाई से ज्यादा महत्वपूर्ण है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई भी रविवार को हमले पर अपनी पहली टिप्पणी में संयम बरतते दिखे। उन्होंने कहा कि हमले को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जाना चाहिए और न ही कम करके आंका जाना चाहिए। खामेनेई ने तुरंत किसी भी तरह की सैन्य प्रतिक्रिया से परहेज किया है।

इजरायली सेना के मुताबिक शनिवार के हमलों में ईरानी वायु सेना को निशाना बनाया गया। विश्लेषकों का कहना है कि इस हमले से ईरान की कमजोरियां सामने आई हैं और इजरायल इस तरह के और हमले कर सकता है। ओटावा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थॉमस जूनो ने एक्स पर लिखा कि ईरानी मीडिया ने शुरू में हमलों को कम करके बताया कि यह दर्शाता है कि तेहरान जंग को आगे बढ़ाने से बचना चाहता है। उन्होंने लिखा, "अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है तो इससे युद्ध छिड़ सकता है और अगर ईरान जवाबी कार्रवाई नहीं करता है तो यह तेहरान की कमजोरी का संकेत देता है।"

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