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इस्लाम का लंबा इतिहास फिर भी इजरायल-अमेरिका ने फांस लिया, तुर्की पर क्यों भड़का ईरान

  • ईरान ने तुर्की को जमकर लताड़ लगाई है। तुर्की के लिए कहा कि इस्लाम का इतना लंबा इतिहास होने के बादवूद तुर्की कैसे इजरायल और अमेरिका के जाल में फंस गया।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानWed, 4 Dec 2024 08:04 PM
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मिडिल ईस्ट में मुस्लिम राष्ट्र सीरिया इस वक्त गृह युद्ध की चपेट में है। यहां की सरकार को उखाड़ने के लिए आतंकी संगठन तहरीर अल-शाम ने जंग छेड़ दी है। सीरिया की मदद के लिए रूस आगे आया है, लेकिन फिर भी सीरियाई सैनिकों ने आतंकियों के आगे घुटने टेक दिए हैं। इस बीच ईरान ने तुर्की को जमकर लताड़ लगाई है। सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार ने तुर्की के लिए कहा कि इस्लाम का इतना लंबा इतिहास होने के बादवूद तुर्की कैसे इजरायल और अमेरिका के जाल में फंस गया।

तस्नीम अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी को दिए गए बयान में अली अकबर वेलयाती ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि हकन फ़िदान (तुर्की के विदेश मंत्री) खुफिया और विदेश नीति के क्षेत्र में एक अनुभवी व्यक्ति हैं। यह भी आशा कर रहे थे कि तुर्की अपनी विदेश नीति की कुछ गलतियों को सुधारने में सक्षम होगा,लेकिन हमें उम्मीद नहीं थी कि इस्लाम में एक लंबा इतिहास रखने वाला तुर्की अमेरिका और इजरायल द्वारा बिछाए गए जाल में फंस जाएगा।"

उन्होंने कहा कि "यह आश्चर्यजनक है कि इस तरह के कृत्य तुर्की लोगों के नाम पर किए जा रहे हैं, जो पूरे इतिहास में दृढ़ विश्वास के साथ इस्लाम पर अपनी स्थिति पर अडिग रहे हैं।" वेलायती ने इस बात पर जोर दिया कि ईरान अंत तक सीरियाई सरकार को अपना पूर्ण समर्थन जारी रखेगा।

तुर्की ने ऐसा क्या किया, जो भड़क गया ईरान

दरअसल, तुर्की सीरियाई सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रही तहरीर अल-शाम का समर्थन करता है। दोनों सुन्नी समर्थक हैं। अल-शाम का मकसद सीरिया में इस्लाम की हुकूमत चाहता है। सीरिया की असद सरकार अलाव समुदाय का समर्थन करती है। वहीं, दूसरी ओर ईरान शिया बहुल इलाका है। तुर्की चाहता है कि सीरिया में सुन्नी समुदाय की सरकार हो, ताकि उसे भी इसका फायदा हो।

ईरान ने कहा है कि वह आखिरी वक्त तक सीरिया की असद सरकार का साथ देगा। वेलयाती ने कहा, "आज, सीरिया के सहयोगियों की संख्या 2011 (सीरिया में युद्ध की शुरुआत) की तुलना में अधिक है। ईरान के अलावा, रूस, लेबनानी हिज़्बुल्लाह, इराकी पॉपुलर मोबिलाइज़ेशन फ़ोर्स, यमन के हूती वीर और प्यारे फ़िलिस्तीनी हैं। येपहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत हैं। वे सभी सीरिया और उसकी वर्तमान सरकार की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करने में एकजुट हैं।"

ट्रंप को चेतावनी

वेलयाती ने साथ ही अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्र्पति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, "जब भी युद्ध की आग भड़कती है, तो उसे बुझाने के बजाय वे उसमें घी डालने का काम करते हैं। अगर ट्रंप अपने नए कार्यकाल को समझदारी से चलाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने पहले कार्यकाल के अनुभव से सीखना होगा और समझना होगा कि आज दुनिया के हालात पहले से कहीं ज़्यादा मुश्किल और जटिल हैं। कोई भी स्वतंत्र देश उनकी धमकियों और डराने-धमकाने के आगे नहीं झुकेगा"

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