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ईरान ने 5 महीने बाद क्यों दफनाया हसन नसरल्लाह का शव? इजरायल ने दी थी भयानक मौत

  • पिछले साल सितंबर में इजरायल ने बड़ी चालाकी से हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मौत के घाट उतारा। ईरान ने पांच महीने बाद नसरल्लाह के शव को पूरे सम्मान के साथ दफनाया। इतनी देरी की वजह सामने आई है।

Gaurav Kala तेहरान/बेरूतSun, 23 Feb 2025 06:07 PM
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ईरान ने 5 महीने बाद क्यों दफनाया हसन नसरल्लाह का शव? इजरायल ने दी थी भयानक मौत

पिछले साल सितंबर महीने में इजरायली सेना ने ईरान की धरती में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को भयानक मौत दी थी। जिस गेस्ट हाउस में नसरल्लाह रुके थे, उसे बम से उड़ा दिया। ऐसी रिपोर्ट आईं कि नसरल्लाह को मारने के लिए इजरायल ने दो साल पहले बम फिट कर रखा था। 23 सितंबर को नसरल्लाह मारे गए और 5 महीने बाद ईरान ने 23 फरवरी को भव्य समारोह में नसरल्लाह के शव को दफनाया। इस देरी की वजह सामने आई है।

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने इजरायल के खिलाफ "प्रतिरोध" की बात दोहराई। उनका यह बयान तब आया जब हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और उनके उत्तराधिकारी हाशिम सफिउद्दीन के अंतिम संस्कार के लिए बेरूत में हजारों लोग जुटे। नसरल्लाह 27 सितंबर को दक्षिण बेरूत में एक इजरायली हमले में मारे गए थे। उनके साथ ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के जनरल अब्बास निलफोरूशन भी मारे गए थे।

देरी की क्या वजह

सितंबर महीने में जब नसरल्लाह को इजरायल ने बड़ी चालाकी से ठिकाने लगाया, तब इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच भयानक संघर्ष जारी थी। इसके अलावा ईरान और इजरायल के बीच भी तनाव चरम पर था। कुछ ही हफ्तों में इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे पर जमकर ड्रोन और बम बरसाए। नसरल्लाह के शव को दफनाने में देरी की एक नहीं कई वजहें हो सकती हैं। शव सुरक्षित रखने के लिए लंबे समय तक छिपाकर रखा गया। इस तरह से ईरान और हिजबुल्लाह ने किसी भी संभावित सुरक्षा खतरे से बचने के लिए यह कदम उठाया।

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राजनीतिक और सैन्य रणनीति

हिजबुल्लाह और ईरान ने यह तय किया कि नसरल्लाह का अंतिम संस्कार एक बड़ा राजनीतिक संदेश होगा, जो इजरायल और उसके सहयोगियों को चुनौती देगा। शव को तुरंत दफन करने से ज्यादा प्रभावशाली संदेश देने के लिए इसे लंबा किया गया। इसके अलावा हिजबुल्लाह और ईरानी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नसरल्लाह का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान और शोक के साथ किया गया, जिसके लिए इतना समय लिया गया।

ईरान में भी शोक सभाएं

खामेनेई ने नसरल्लाह को "महान योद्धा" और सफिउद्दीन को "अटूट साथी" बताया। ईरानी मीडिया के अनुसार, तेहरान और अन्य शहरों में भी शोक सभाएं आयोजित की जाएंगी।

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