Notification Icon
Hindi Newsविदेश न्यूज़Iran Deputy president Javad Zarif quits days after assuming charge

‘मैं शर्मिंदा हूं…’ जंग के हालात के बीच ईरान के उप राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा, बताई ये वजह

  • इजरायल से जारी तनातनी के बीच ईरान के उप राष्ट्रपति जावेद ज़रीफ़ ने कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफ़े के कई कारण बताए हैं जिनमें सबसे प्रमुख बात यह है कि वे नए मंत्रिमंडल के सदस्यों से खुश नहीं थे।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तान, तेहरानMon, 12 Aug 2024 10:17 AM
share Share

इजरायल से जारी तनातनी के बीच ईरान के उप राष्ट्रपति जावेद ज़रीफ़ ने कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफ़े के कई कारण बताए हैं जिनमें सबसे प्रमुख बात यह है कि वे नए मंत्रिमंडल के सदस्यों की नियुक्ति से खुश नहीं थे। जावेद ज़रीफ़ ने 2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर दुनिया के शक्तिशाली देशों से बातचीत की थी। उन्होंने सोमवार को घोषणा की है कि उन्होंने उप राष्ट्रपति के रूप में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।

ज़रीफ़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैंने पिछले हफ़्ते रणनीतिक मामलों के लिए वाइस प्रेसिडेंट के पद से इस्तीफ़ा दे दिया।" ईरान में हाल ही में हुए चुने चुनावों में सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने जीत दर्ज की थी। पेजेशकियन ने जरीफ को दो हफ़्ते ही उप राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। ज़रीफ़ ने अपने इस्तीफ़े के कई कारण बताए हैं। जरीफ हाल में बनाए गए मंत्रिमंडल से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मुझे शर्म आ रही है कि मैं उम्मीदवारों के चयन के लिए ज़िम्मेदार समिति की राय को लागू नहीं कर सका और महिलाओं, युवाओं और दूसरे समूहों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं कर सका, जैसा कि मैंने वादा किया था।"

ज़रीफ़ ने बताया कि उपराष्ट्रपति के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद उन्हें दबाव का भी सामना करना पड़ा क्योंकि उनके बच्चों के पास अमेरिकी नागरिकता है। उन्होंने कहा, "मेरा संदेश प्रिय डॉ. पेजेशकियन के साथ खेद या निराशा के विरोध का संकेत नहीं है। बल्कि इसका मतलब रणनीतिक मामलों के लिए उपराष्ट्रपति के रूप में उन्हें उनकी उपयोगिता पर शक हो रहा है।" उन्होंने कहा कि वह शिक्षा जगत में वापस लौटेंगे और ईरान की घरेलू राजनीति पर कम ध्यान देंगे।

उदारवादी राष्ट्रपति हसन रूहानी की सरकार में 2013 और 2021 के बीच ईरान के शीर्ष राजनयिक रहे ज़रीफ़ को 2015 के समझौते पर बातचीत के बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिली थी। पेजेशकियन ने रविवार को अपनी कैबिनेट को मंजूरी के लिए संसद में पेश किया। इसमें एक महिला भी शामिल थीं। प्रस्तावित सूची की ईरान के सुधारवादी खेमे के कुछ लोगों ने आलोचना की। लोगों ने पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की सरकार से रूढ़िवादियों को शामिल करने की आलोचना भी की है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें