इजरायली हमले में ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी के मारे जाने का दावा, हुसैन सलामी की मौत कंफर्म
जनरल मोहम्मद बाघेरी ईरान की सेना के सर्वोच्च सैन्य प्रमुख हैं, जिन्हें ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के साथ रणनीतिक और परमाणु नीति निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाते हुए देखा जाता है।

Israel attack on Iran: ईरान पर हमला करने के बाद आज इजरायल ने बड़ा दावा कर दिया है। इजरायल का कहना है कि हमले में ईरान के सैन्य प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी और शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक की मौत हो चुकी है। हमले के बाद एक इजरायली रक्षा अधिकारी ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि ईरान की सेना के सर्वोच्च प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी, उनके कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक शुरुआती हमलों में मारे जा चुके हैं।
जनरल मोहम्मद बाघेरी ईरान की सेना के सर्वोच्च सैन्य प्रमुख हैं, जिन्हें ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के साथ रणनीतिक और परमाणु नीति निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाते हुए देखा जाता है। हमले में अन्य सैन्य शीर्ष अधिकारी और वैज्ञानिक भी शामिल बताए गए हैं, जिनका ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम और मिसाइल विकास परियोजनाओं में सीधा दखल था। इजरायली अधिकारी इस जानकारी को प्रारंभिक खुफिया आकलन के आधार पर बता रहे हैं, जिसकी पुष्टि अभी बाकी है।
हुसैन सलामी की भी मौत
वहीं, ईरानी सरकारी मीडिया ने भी इस बात की पुष्टि की है कि इजरायली हमले में आईआरजीसी के कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है। आपको बता दें कि ईरान का रिवोल्यूशनरी गार्ड देश के धर्मतंत्र के भीतर मुख्य शक्ति केंद्रों में से एक है। यह ईरान के बैलिस्टिक मिसाइलों के शस्त्रागार को भी नियंत्रित करता है।
एक इजरायली अधिकारी ने आर्मी रेडियो को बताया, "शुरुआती हमले में ईरान के हवाई हमलों, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों को निशाना बनाया गया। एक साथ ईरानी जनरल स्टाफ और ईरान भर में परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया। अगर यह शुरुआती हमला सफल रहा तो हमने 10 दिनों में वरिष्ठ हिजबुल्लाह अधिकारियों के साथ जो किया वह हमने 10 मिनट में ईरान के साथ किया।"
यह हमला अगर वाकई ईरान की सैन्य और वैज्ञानिक संरचना के इस स्तर पर सफल रहा तो यह ईरान की रणनीतिक क्षमता पर बहुत बड़ी चोट होगी। इससे ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर अस्थायी विराम लग सकता है, लेकिन जोखिमपूर्ण जवाबी कार्रवाई की आशंका भी उतनी ही बढ़ जाती है। यह स्थिति पूरे मध्य-पूर्व को अस्थिर कर सकती है और वैश्विक तेल बाज़ार, डिप्लोमैटिक संतुलन और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर डाल सकती है।
अब सबकी निगाहें ईरान की तरफ हैं। क्या तेहरान इस हमले को 'युद्ध की घोषणा' मानेगा? क्या कोई जवाबी कार्रवाई होगी? सबसे अहम सवाल यह है कि क्या यह संघर्ष पूरे क्षेत्र को युद्ध में झोंक देगा?
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