परमाणु एजेंसी को… रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर पाकिस्तान ने दिखाया बड़बोलापन
Operation Sindoor update: भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए बयान पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया सामने आई है। हर बार की तरह पाकिस्तान ने भी एक बार फिर से अपना बड़बोलापन दिखाया है। पाक का कहना है कि भारत को रोकने के लिए उसके आम हथियार ही काफी हैं।

India Pakistan ceasefire: ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों मुंह की खाने वाला पाकिस्तान अब बातों और दावों के जरिए अपनी साख को बचाने में लगा हुआ है। इसी बीच जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी को लेकर चिंता जताई तो पाकिस्तान इस बात को लेकर भड़क गया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बड़बोलापन दिखाते हुए इस बयान की कड़ी निंदा की। दरअसल, राजनाथ सिंह ने कहा था कि आतंकवादियों को पनाह देने वाले इस्लामाबाद के परमाणु संयंत्रों की निगरानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी नियुक्त होना चाहिए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यह बयान गैर-जिम्मेदाराना है। इस बयान के जरिए भारत, पाकिस्तानी परमाणु हथियारों के प्रति अपनी असुरक्षा की भावना को प्रदर्शित कर रहा है। अपना बड़बोलापन दिखाते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि परमाणु हथियारों के बिना भी हम भारत की तरफ से किए गए किसी भी हमले को रोकने में सक्षम हैं। वैश्विक एजेंसियों और वैश्विक बिरादरी को अगर किसी की निगरानी करनी चाहिए तो वह भारत के परमाणु हथियारों की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा था
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बादामी बाग छावनी में सैनिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा,"पूरी दुनिया ने देखा है कि पाकिस्तान ने कितनी गैर जिम्मेदारी से भारत को धमकाया है। आज श्रीनगर की धरती से यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित है। मेरा मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की निगरानी में लिया जाना चाहिए।"
आपको बता दें कि एक परमाणु हथियार से संपन्न देश के रूप में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बहुत ही ज्यादा खराब है। पाकिस्तान के कई नेता भी लगातार परमाणु हथियारों की बातों पर आ जाते हैं। पाकिस्तान के कई हिस्सों में गृहयुद्ध जैसी स्थिति जारी है। ऐसे में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का किसी आतंकी संगठन के हाथों में लगने की भी संभावना बनी हुई है। भारत-पाक के चार दिवसीय संघर्ष के दौरान भी परमाणु हथियार को लेकर बातचीत शुरू हो गई थी। इस लड़ाई के बाद ऐसी खबरें भी सामने आईं थी कि पाकिस्तान में न्यूक्लियर रेडिएशन का खतरा शुरू हो गया है।
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