गोलान हाइट्स में ऐसा क्या छिपा, जिसके लिए सीरिया से तीन बार भिड़ चुका इजरायल; अब फिर अड़ा
- नेतन्याहू ने कहा कि वे गोलान हाइट्स पर इजरायली बस्तियों को दोगुना करने की योजना बना रहे हैं। यहां इजरायली सेना का 1981 से कब्जा है। गोलान हाइट्स के लिए सीरिया और इजरायल में तीन बार युद्ध हो चुका है।
सीरिया में असद परिवार का राज उखाड़ फेंकने के बाद विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) सीरिया पर नई हुकूमत का ख्वाब देख ही रहा था कि इजरायल ने सीरिया पर निगाहें टेढ़ी कर दी हैं। 8 दिसंबर से इजरायली सेना सीरिया के अलग-अलग इलाकों पर 800 से ज्यादा एयरस्ट्राइक कर चुकी है। अब इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने इरादे साफ किए हैं। उन्होंने सीरिया में गोलान की पहाड़ियों पर नई योजना को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि वे गोलान हाइट्स पर इजरायली बस्तियों को दोगुना करने की योजना बना रहे हैं। यहां इजरायली सेना का 1981 से कब्जा है। अरब और मुस्लिम देश इन क्षेत्रों पर इजरायल का कब्जा स्वीकार नहीं करते, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले कार्यकाल में इजरायल के इस अवैध कब्जे को मान्यता दी थी।
कुछ दिन पहले इजरायली सेना ने सीरियाई सीमा में कुछ महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा कर लिया था, जिसमें गोलान हाइट्स पर एक असैन्यीकृत बफर जोन भी शामिल था, लेकिन उस समय इजरायली प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने कहा था कि सीरिया में बशर अल-असद शासन के पतन के बाद विद्रोही हमलों से इजरायल को बचाने के लिए अस्थायी उपाय है।
नेतन्याहू के फैसले से इजरायल में ही रार
रविवार को नेतन्याहू ने पलटी मारते हुए एक बयान में कहा कि "इजरायल गोलान हाइट्स में इजरायली बस्तियों को बढ़ा रहा है।" नेतन्याहू के इस कदम की पूर्व इज़रायली प्रधान मंत्री एहुद ओलमर्ट ने तीखी आलोचना की है। उनका कहना है कि इजरायल पहले ही लेबनान और गाजा में युद्ध झेल रहा है, इस बीच तीसरे देश में युद्ध की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने गोलान की पहाड़ियों में इजरायली बस्तियों को बढ़ाने के फैसले को भी अनुचित करार दिया।
नेतन्याहू की यह घोषणा ऐसे वक्त में आई है जब एचटीएस के प्रमुख और सीरिया के नए नेता अबू मुहम्मद अल-जोलानी ने इजरायली हमले की निंदा की और चेतावनी दी कि इजरायल को ऐसा नहीं करना चाहिए। अरब और मुस्लिम मुल्क भी इजरायल के हमलों की निंदा कर चुके हैं।
गोलान हाइट्स को लेकर इजरायल और सीरिया में तीन जंग
गोलान हाइट्स दक्षिण-पश्चिमी सीरिया से उत्तरपूर्वी इज़रायल तक फैला हुआ है और वर्तमान में इजरायली सेना के कब्जे में है। 1967 में छह दिवसीय युद्ध के दौरान, सीरियाई सेनाओं ने गोलान हाइट्स से इज़रायल पर हमला किया, लेकिन इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई की और न केवल हमले को विफल कर दिया, बल्कि लगभग 1,200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। सीरिया ने 1973 के मध्य पूर्व युद्ध के दौरान गोलान हाइट्स पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश की, लेकिन अपने प्रयास में असफल रहा।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बाद में 1974 में, सीरिया और इज़रायल ने एक संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत गोलान की 80 किलोमीटर की सीमा पट्टी के दोनों ओर से सेनाओं की वापसी होगी हालांकि, समझौते का उल्लंघन करते हुए 1981 में, इज़रायल ने गोलान हाइट्स के अपने हिस्से के क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया और यहूदी निवासियों ने वहां घर बनाना शुरू कर दिया।
ट्रंप ने इजरायल को गोलान में दी परमिशन
इस क्षेत्र पर इजरायल की संप्रभुता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं दी गई थी, लेकिन 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने इस संबंध में पिछली अमेरिकी नीति को त्यागते हुए इस क्षेत्र पर इजरायल के अधिकार को मान्यता दी। उधर, सीरिया की स्थिति यह है कि वह इज़रायल के साथ भविष्य में शांति समझौते पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेगा जब तक कि वह पूरे गोलान क्षेत्र से पीछे नहीं हट जाता।
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