खाना नहीं, रहने को घर नहीं; अब डोनाल्ड ट्रंप ही बचा सकते हैं... गाजा के लोगों की भावुक अपील
- डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद गाजावासियों की उन पर उम्मीदें बढ़ गई हैं। गाजा के लोगों ने ट्रंप को भावुक संदेश में उन्हें इजरायली नरसंहार से बचाने की गुहार लगाई है।
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उन्होंने डेमोक्रेट कमला हैरिस को करारी शिकस्त दी। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के नए राष्ट्पति बनने से पहले ही दुनियाभर की नजरें उन पर टिकी हैं। उन्होंने चुनाव से पहले प्रचार के दौरान वादा किया था कि वे सारे युद्ध समाप्त करवा देंगे। इसमें उन्होंने इजरायल-हमास और यूक्रेन-रूस युद्ध का भी जिक्र किया। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद गाजावासियों की उन पर उम्मीदें बढ़ गई हैं। गाजा के लोगों ने ट्रंप को भावुक संदेश में उन्हें इजरायली नरसंहार से बचाने की गुहार लगाई है। गाजा के लोगों ने कहा कि उनके लिए खाने को कुछ नहीं बचा, रहने को घर नहीं है। ट्रंप ही ऐसे ताकतवर नेता हैं, जो उन्हें बचा सकते हैं।
बीते साल 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजरायली सेना ने गाजा में घुसपैठ शुरू की और जमकर कत्लेआम किया। गाजा के नरसंहार में अब तक 44 हजार से ज्यादा लोगों की जान चुकी है और यह गिनती जारी है। गाजा में इतना खून बहाने के बाद भी इजरायली सेना रुकी नहीं है और अपने बंधकों की रिहाई और हमास का नामो-निशान मिटाने के लिए ऑपरेशन जारी रखे हुए है। इजरायली हमले में गाजा के आम लोग भी बड़ी संख्या में मारे जा रहे हैं। हमास स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मरने वालों में 60 फीसदी आम नागरिक हैं।
गाजा में इतने कत्लेआम के बाद हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और इधर-उधर जान बचाने के लिए रह रहे हैं। जबालिया से गाजा शहर में विस्थापित हुए ममदौह अल-जदबा ने एएफपी को बताया कि इस क्षेत्र में उनके लिए कुछ भी नहीं बचा है। 60 वर्षीय ममदौह ने कहा कि गाजा के लोग विस्थापित हो चुके हैं और शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा, "हम विस्थापित हो गए, मारे गए... हमारे लिए कुछ नहीं बचा, हम शांति चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि गाजा को ट्रंप जैसे मजबूत व्यक्ति की जरूरत है।
ट्रंप समाधान जरूर निकालेंगे
60 वर्षीय बुजुर्ग ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ट्रंप कोई समाधान निकाल लेंगे, हमें युद्ध को समाप्त करने और हमें बचाने के लिए ट्रंप जैसे मजबूत व्यक्ति की जरूरत है, बस, अल्लाह, अब बहुत हो गया।" उन्होंने बताया कि वे तीन बार विस्थापित हो चुके हैं। उन्होंने कहा, "मेरा घर नष्ट हो गया, मेरे बच्चे दक्षिण में बेघर हो गए... कुछ भी नहीं बचा, गाजा खत्म हो गया है।"
खाने को कुछ नहीं, घर भी नहीं बचा
उन्होंने एएफपी को बताया, "अल्लाह की इच्छा से युद्ध समाप्त होगा, हमारे लिए नहीं बल्कि हमारे उन मासूम बच्चों के लिए जो शहीद हुए और भूख से मर रहे हैं। हम (खाद्य पदार्थों की) ऊंची कीमतों के कारण कुछ भी नहीं खरीद सकते। हम यहां भय, आतंक और मौत के बीच जी रहे हैं।" हालांकि, रामल्लाह शहर के 60 वर्षीय समीर अबू जुंदी ने कहा कि ट्रंप का निर्णय इजरायल के हित में हो सकता है। उन्होंने कहा, "ट्रंप कुछ निर्णयों पर अडिग हैं, लेकिन ये निर्णय फिलीस्तीनी हितों की अपेक्षा राजनीतिक रूप से इजरायल के हितों को अधिक लाभ पहुंचा सकते हैं।"
गौरतलब है कि अमेरिकी चुनाव से पहले ट्रंप ने 7 अक्टूबर को हुए हमले पर इजरायल की प्रतिक्रिया को उचित ठहराया था। हालांकि, उन्होंने उग्र अंतरराष्ट्रीय संकटों को समाप्त करने का वादा किया है, यहां तक कि उन्होंने कहा कि वे "एक टेलीफोन कॉल से युद्ध रोक सकते हैं"। ट्रंप के इस तरह के बयानों से गाजा के लोगों में आशा जगी है।
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