अब गाजा में होगा नया ऐक्शन? ट्रंप को आंख दिखाने वाला है यह मुस्लिम देश, क्या प्लान बनाया
- मिस्र गाजा को फिर से बसाने की योजना पर काम कर रहा है। लेकिन इसकी खास बात यह होगी कि फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी से हटने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। मिस्र के सरकारी अखबार अल-अहराम ने इस बारे में जानकारी दी है।
मिस्र गाजा को फिर से बसाने की योजना पर काम कर रहा है। लेकिन इसकी खास बात यह होगी कि फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी से हटने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। मिस्र के सरकारी अखबार अल-अहराम ने इस बारे में जानकारी दी है। इसके मुताबिक मिस्र गाजा के इर्द-गिर्द कुछ सुरक्षित ठिकाने बना रहा है। यहां पर शुरुआत में फिलिस्तीनी रह सकते हैं। वहीं, मिस्र की और अंतरराष्ट्रीय निर्माण कंपनियां गाजा पट्टी के बुनियादी ढांचे को हटाने और पुनर्वास करने का काम करेंगी। इजिप्ट की इस योजना को डोनाल्ड ट्रंप के लिए जवाब माना जा रहा है। बता दें कि ट्रंप ने हाल ही में यहां पर कब्जा करने और कॉलोनियां बसाने की योजना की बात कही थी।
ट्रंप ने क्या किया था आह्वान
यह प्रस्ताव गाजा की करीब 20 लाख फलस्तीनियों की आबादी को हटाने के ट्रंप के आह्वान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मचे बवाल के बाद आया है। ट्रम्प ने कहाकि अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा कर लेगा और ‘मध्य पूर्व के रिवेरा’ के रूप में इसका पुनर्निर्माण करेगा, हालांकि फिलिस्तीनियों को वापस आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। फिलिस्तीनियों ने स्पष्ट कहा है कि वे अपनी मातृभूमि नहीं छोड़ेंगे। वहीं, मिस्र, सऊदी अरब द्वारा समर्थित जॉर्डन ने गाजा की आबादी में लेने के लिए ट्रम्प के आह्वान को अस्वीकार कर दिया है। वहीं, फिलिस्तीनियों को जबरन निकालने की योजना का भी विरोध हो रहा है। इसे युद्ध अपराध के बराबर बताया गया है। यूरोपीय देशों ने भी बड़े पैमाने पर ट्रम्प की योजना की निंदा की है। हालांकि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस विचार की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इजरायल इसे लागू करने की तैयारी कर रहा है।
योजना पर चर्चा
मिस्र के अधिकारियों ने इस योजना की चर्चा यूरोपियन डिप्लोमेट्स के साथ-साथ सऊदी अरब, कतर और यूएई से भी कर रहे हैं। मिस्र के एक अधिकारी और एक अरब राजनयिक ने बताया कि इस दौरान पुनर्निर्माण के लिए धन जुटाने के तरीकों पर भी चर्चा हो रही है। इसमें गाजा पुनर्निर्माण पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शामिल है। हालांकि अधिकारियों और राजनयिक ने नाम नहीं बताया कि क्योंकि अभी भी यह प्रस्ताव बातचीत के दौर में ही है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो सोमवार को क्षेत्र के दौरे पर सऊदी अरब में थे। उन्होंने कहाकि अमेरिका वैकल्पिक प्रस्ताव सुनने के लिए तैयार है। मिस्र के अल-अहराम अखबार ने कहाकि यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के तर्क को खारिज करने और गाजा पट्टी की भौगोलिक और जनसांख्यिकीय संरचना को बदलने के उद्देश्य से किसी अन्य दृष्टिकोण या योजनाओं का मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया है।
बेहद नाजुक मोड़
फिलहाल गाजा बेहद नाजुक मोड़ पर है। संघर्ष विराम का पहला चरण मार्च की शुरुआत में खत्म होने वाला है। इजरायल और हमास को अभी भी एक दूसरे चरण पर बातचीत करनी है। इसका उद्देश्य आतंकियों द्वारा पकड़े गए सभी अन्य बंधकों की रिहाई, गाजा से इजरायल की पूर्ण वापसी और युद्ध को लंबे समय तक रोकना है। किसी भी पुनर्निर्माण योजना को दूसरे चरण पर एक समझौते के बिना लागू करना असंभव होगा। इसमें यह समझौता भी शामिल है कि लंबे समय में गाजा पर कौन शासन करेगा। इजरायल की मांग है कि यहां पर हमास की राजनीतिक और सैन्य शक्ति को खत्म किया जाए। हमास की भूमिका होने के बाद पुनर्निर्माण में अंतर्राष्ट्रीय योगदान की संभावना कम है।
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