डोनाल्ड ट्रंप की धमकी आई काम, चीन के BRI से पीछे हटा यह देश; तिलमिलाया ड्रैगन
- Donald Trump on Panama: पनामा ने चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बीआरआई से बाहर हो गया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए अमेरिका के ऊपर आरोप लगाए। चीन की तरफ से कहा गया कि उम्मीद है कि पनामा द्विपक्षीय संबंधों को सही करने के लिए बाहरी हस्तक्षेप खत्म करेगा।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का असर वैश्विक राजनीति पर दिखने लगा है। दक्षिण अमेरिकी देश पनामा ने चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड से पीछे हटने का फैसला किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने इस मामले की जानकारी देते पनामा के फैसले पर अफसोस जताया और साथ ही साथ इसके लिए अमेरिका के ट्रंप प्रशासन द्वारा दी जा रही धमकी और दवाब को जिम्मेदार ठहराया।
बीजिंग में नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि हमें पनामा के फैसले पर बेहद अफसोस है। उम्मीद है कि पनामा द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में आड़े आ रहे बाहरी हस्तक्षेप को जल्दी ही खत्म करेगा।
इससे पहले ट्रंप प्रशासन में विदेश मंत्री मार्क रुबियो कि पनामा यात्रा के बाद वहां के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने पनामा के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव से बाहर करने के लिए एक दस्तावेज प्रस्तुत किया था। हालांकि न तो अमेरिका और न ही पनामा की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई की अमेरिका ने इस कदम की मांग की है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि पनामा उन 150 देशों में से एक है, जिन्होंने हमारे महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में भाग लिया है। इस परियोजना के तहत इन सभी देशों में काफी डेवलपमेंट हुआ है। पनामा को भी इस परियोजना से काफी हद तक लाभ मिला है।
इससे पहले अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने शपथ ग्रहण समारोह के पहले से ही पनामा को आड़े हाथों लेते नजर आए हैं। वह लगातार पनामा को अमेरिकी अधिकार में लेने की बात कर रहे थे। अपने एक भाषण में ट्रंप ने कहा था कि पनामा अमेरिकी जहाजों पर अत्याधिक टैक्स लगाता है, जबकि इसका पूरा कंट्रोल चीन के हाथों में जा रहा है। यह नहर चीन के लिए नहीं बल्कि अमेरिका के लिए है। हम इसे गलत हाथों में जाने से बचाना चाहते हैं। अगर पनामा सरकार ऐसा नहीं कर सकती तो अमेरिका इस पर कब्जा कर लेगा।
पनामा की तरफ से भी ट्रंप के इस हमले का जवाब दिया गया था। पनामा की तरफ से कहा गया था कि पनामा नहर सरकार के स्वामित्व में है। यहां पर चीन का कोई कब्जा नहीं है। हालांकि ट्रंप ने अपने कड़े रुख को कायम रखा। इसके बाद ट्रंप प्रशासन और पनामा के बीच मे लगातार बातचीत जारी थी।
आपको बता दें कि एक समय तक पनामा नहर को अमेरिका ही कंट्रोल करता था। लेकिन कुछ सालों पहले यह नहर पूरे तरीके से कनाडा के आधीन कर दी गई थी।
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