कनाडा के वार से बौखलाए ट्रंप, स्टील-एल्युमिनियम आयात पर डबल किया टैक्स, बदले में वैक्सीन डील रद्द
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने अपने वाणिज्य मंत्री को कनाडा से अमेरिका में आने वाले सभी इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का निर्देश दिया है।

अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापार युद्ध गहरा गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कनाडा के लिए इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर लगाए जाने वाले सीमा शुल्क को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की घोषणा की है। इस पर पड़ोसी देश ने भी पलटवार किया है और नोवावैक्स कोविड वैक्सीन की खरीद की डील रद्द कर दी है। ट्रंप ने कहा कि शुल्क वृद्धि का यह फैसला बुधवार से लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शुल्क में वृद्धि कनाडा के ओंटारियो प्रांत की सरकार के अमेरिका को बेची जाने वाली बिजली की कीमतें बढ़ाने की प्रतिक्रिया में है। बता दें कि इससे पहले कनाडा के ओंटारियो प्रांत की सरकार ने अमेरिका को सप्लाई होने वाली बिजली पर 25 फीसदी शुल्क लगा दिया था।
स्टील और एल्युमीनियम पर टैक्स पलटवार के बाद कनाडा ने भी मंगलवार को कोविड वैक्सीन के लिए अमेरिकी बायोटेक फर्म नोवावैक्स के साथ हुआ सौदा रद्द कर दिया है, जिसे स्थानीय रूप से एक नई कनाडाई सुविधा से उत्पादित किया जाना था। मैरीलैंड स्थित कंपनी ने कहा कि उसे सूचना मिली है कि कनाडाई सरकार लाखों खुराक खरीदने के लिए जनवरी 2021 के समझौते को तुरंत प्रभाव से समाप्त कर रही है। कंपनी को 2024 के अंत तक मॉन्ट्रियल में बायोलॉजिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेंटर इंक में उत्पादित बल्क एंटीजन का उपयोग करके अपने कोविड-19 वैक्सीन के लिए नियामक अनुमोदन नहीं मिलना इसका कारण बताया गया है। ओटावा ने 2021 की शुरुआत में घोषणा की थी कि नोवावैक्स कनाडा में कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाली पहली कंपनी बन जाएगी।
सोशल मीडिया पर ट्रंप ने किया ऐलान
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने अपने वाणिज्य मंत्री को कनाडा से अमेरिका में आने वाले सभी इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का निर्देश दिया है। वह दुनिया में कहीं भी सबसे अधिक शुल्क लगाने वाले देशों में से एक है।’’ ट्रंप की इस सोशल मीडिया पोस्ट के आते ही अमेरिकी शेयर बाजार में फौरी गिरावट देखने को मिली। शुल्क युद्ध गहराने की धमकियों से शेयर बाजार में भारी बिकवाली के बाद ट्रंप पर यह दिखाने का दबाव है कि उनके पास अर्थव्यवस्था को मंदी में धकेलने के बजाय इसे बढ़ाने की एक वैध योजना है।
शपथ लेने के बाद से ही ट्रंप कर रहे टैरिफ वार
हालांकि, ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से ही जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि उनके शुल्क निर्णयों से अधिक कंपनियां अपने कारखानों को अमेरिका में स्थानांतरित करने की वर्षों से चली आ रही प्रक्रिया शुरू करेंगी। ट्रंप जनवरी में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से ही लगातार चीन, कनाडा एवं मेक्सिको से होने वाले आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाने की बात करते रहे हैं। उन्होंने इसके साथ ही भारत समेत कई देशों पर जवाबी सीमा शुल्क लगाने की भी घोषणा की है। इन घोषणाओं से अमेरिका समेत समूची दुनिया में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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