एक कॉल और 400 मिलियन डॉलर; जब 6 साल पहले ट्रंप-जेलेंस्की विवाद से हिल गया था यूक्रेन
- यूक्रेन के प्रेजिडेंट जेलेंस्की और डोनाल्ड ट्रंप के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है। 6 साल पहले भी ऐसे ही एक विवाद ने अमेरिका की राजनीति में हलचल मचा दी थी और यूक्रेन को हिला कर रख दिया था।
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शुक्रवार को वाइट हाउस में यूक्रेनी प्रेजिडेंट वलोडोमिर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में हुई बातचीत ने दुनिया को हैरान और परेशान कर दिया है। खनिज सौदे के बदले रूस से आजादी की बात करने आए जेलेंस्की की ट्रंप से तीखी बहस हो गई। बात इतनी बिगड़ गई कि कुछ देर के लिए मीडिया को बाहर करना पड़ा। रूस ने इस मुलाकात पर तंज कसते हुए ट्रंप की तारीफ में कहा कि यह चमत्कार से कम नहीं कि उन्होंने जेलेंस्की को थप्पड़ नहीं मारा। हालांकि दोनों के बीच विवाद पहली बार नहीं है। 2019 में भी एक विवाद ने अमेरिका की राजनीति में हलचल मचा दी थी और यूक्रेन को हिलाकर रख दिया था। इसके कारण डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया भी शुरू हुई थी।
क्या था पूरा मामला?
जुलाई 2019 में भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थे। उन्होंने जेलेंस्की को फोन किया था। इस कॉल में ट्रंप ने यूक्रेन को 400 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता रोकने की धमकी दी थी। बदले में, ट्रंप ने जेलेंस्की से मांग की थी कि वे अमेरिका में उनके संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन और उनके बेटे हंटर बाइडेन के खिलाफ जांच शुरू करें। ऐसा बताया जाता है कि जेलेंस्की ने ट्रंप की मदद करने से साफ इनकार कर दिया था। अमेरिका ने यूक्रेन का फंड रोक तो लिया, लेकिन कुछ दिन बाद उसे रिलीज भी कर दिया था।
बाइडेन और यूक्रेन का क्या कनेक्शन
जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन एक यूक्रेनी गैस कंपनी बुरिस्मा में निदेशक के तौर पर काम कर रहे थे। ट्रंप का आरोप था कि हंटर को इस काम का कोई अनुभव नहीं था और जब जो बाइडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे, उन्होंने अपने पद का दुरपयोग करते हुए हंटर की नियुक्ति करवाई। इतना ही नहीं तब उन्होंने यूक्रेनी सरकार पर दबाव डाला था कि वे बुरिस्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच बंद कर दें। ट्रंप चाहते थे कि जेलेंस्की इस मामले को फिर से खोले, ताकि बाइडेन की छवि को नुकसान पहुंचे।
अमेरिकी कांग्रेस में बवाल और ट्रंप पर महाभियोग
इस फोन कॉल की जानकारी एक व्हिसलब्लोअर के जरिए अमेरिकी कांग्रेस तक पहुंची। कांग्रेस ने इसे ट्रंप द्वारा सत्ता के दुरुपयोग के रूप में देखा। दिसंबर 2019 में, अमेरिकी संसद ने महाभियोग प्रस्ताव पारित किया, जिसमें ट्रंप को सत्ता के दुरुपयोग और कांग्रेस की जांच में बाधा डालने का दोषी ठहराया गया। हालांकि, फरवरी 2020 में सीनेट ने ट्रंप को बरी कर दिया, जिससे वे अपने पद पर बने रहे।
यूक्रेन को नुकसान
इस विवाद के चलते यूक्रेन को अमेरिका से मिलने वाली 400 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता में देरी हुई। यह मदद इसलिए अहम थी क्योंकि 2014 से ही रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई थी। हालांकि, बाद में यह मदद कांग्रेस के दबाव में जारी कर दी गई।
राष्ट्रपति चुनाव हारे ट्रंप
2020 के अमेरिकी चुनाव में ट्रंप को हार मिली और जो बाइडेन राष्ट्रपति बने। बाइडेन ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि उन्होंने राष्ट्रहित के बजाय निजी राजनीतिक फायदे के लिए यूक्रेन की मदद रोकी। 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तब बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को खुलकर समर्थन दिया और सैन्य मदद बढ़ाई। यह विवाद अमेरिका-यूक्रेन संबंधों में एक अहम मोड़ था, जिसने न सिर्फ ट्रंप की राजनीति को प्रभावित किया, बल्कि यूक्रेन के लिए भी मुश्किलें खड़ी कीं।
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