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वाइट हाउस से बेइज्जत होकर निकले जेलेंस्की के पास अब भी दो विकल्प, वरना यूक्रेन में आ जाएगी आफत!

  • वाइट हाउस से बेइज्जत होकर अपने देश के लिए निकले जेलेंस्की इस वक्त बहुत बड़ी मुश्किल में हैं। ट्रंप से मदद की आस को अमेरिका पहुंचे जेलेंस्की के हाथ कुछ नहीं लगा, उल्टा ट्रंप यूक्रेन को उसी के हाल में छोड़ने की धमकी दे चुके हैं।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, कीव/वाशिंगटनSat, 1 March 2025 04:14 PM
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वाइट हाउस से बेइज्जत होकर निकले जेलेंस्की के पास अब भी दो विकल्प, वरना यूक्रेन में आ जाएगी आफत!

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडोमिर जेलेंस्की के बीच शुक्रवार को हुई बैठक दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। दुनिया के दो शीर्ष नेता मीडिया के सामने आपस में ऐसे भिड़े, मानों गली-मोहल्लों की लड़ाई हो। दोनों ने एक-दूसरे को जमकर सुनाया। जेलेंस्की अपने देश को रूसी आक्रमण से बचाने के लिए ट्रंप से मदद मांगने पहुंचे थे, उल्टा अमेरिकी राष्ट्रपति को नाराज कर दिया। वाइट हाउस से बिना खाना खाए और अपमान का घूंट पीकर जेलेंस्की अपने देश निकल तो गए, लेकिन इस मुलाकात ने यूक्रेन को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। अब जेलेंस्की क्या करेंगे? उनके पास मौजूद विकल्पों पर नजर डालते हैं...

जेंलेस्की और ट्रंप के बीच बैठक में जो हुआ, दुनियाभर ने उसे देखा। ट्रंप के इस व्यवहार से सब वाकिफ हैं, लेकिन हैरानी इस बात की है कि जेलेंस्की ने बिगड़ती बात को सुधारने का प्रयास नहीं किया। जानकार मानते हैं कि उन्होंने आग में घी का काम करते हुए ट्रंप और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पर ही जुबानी हमला शुरू कर दिया। ट्रंप पहले ही जेलेंस्की से बौखलाए हुए थे और उनके जवाब सुनकर वो भी आपा खो बैठे। दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग इतने निचले स्तर पर पहुंच गई कि ट्रंप ने जेलेंस्की को स्टूपिड कहा। जेलेंस्की उपराष्ट्रपति वेंस को नीची आवाज में बात करने के लिए कह रहे थे, जवाब में ट्रंप ने कहा- वो ऊंची आवाज में बात नहीं कर रहे, ये मैं हूं।

बिना खाना खाए निकले जेंलेस्की

ये बातें सिर्फ बानगी भर हैं, ट्रंप इतने नाराज थे कि उन्होंने जेलेंस्की के साथ पहले से तय संयुक्त वार्ता रद्द कर दी और निकल गए। जेलेंस्की और यू्क्रेन प्रतिनिधिमंडल ने एक घंटा कमरे पर इंतजार किया। फिर वाइट हाउस प्रशासन उनके पास आया और कहा कि ट्रंप ने आप लोगों को यहां से निकल जाने को कहा है। जेलेंस्की बिना खाना खाए वहां से निकल गए।

पहले जानते हैं कि ट्रंप के साथ इस बिगड़ी बात के बाद जेलेंस्की ने कैसे यूक्रेन की परेशानी को बढ़ा दिया है...

यूक्रेन में आफत तय!

यह सर्वविदित है कि 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुई जंग के बाद से अमेरिका यूक्रेन को लगातार मदद दे रहा है। तत्कालीन जो बाइडेन सरकार ने यूक्रेन को अथाह धन, हथियार और लड़ाकू विमान उपलब्ध कराए। अनुमान के मुताबिक, अमेरिका अब तक यूक्रेन को 400 मिलियन डॉलर की मदद कर चुका है। अब ट्रंप जेलेंस्की से इस मदद का हिसाब मांग रहे हैं। ट्रंप के रुख से लगता है कि अमेरिका अब यूक्रेन को मदद करना बंद कर दे। ट्रंप ने जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा था, "आप बिना अमेरिका के दो हफ्ते भी युद्ध में नहीं टिक सकते।" जानकार मान रहे हैं कि अगर जेलेंस्की का रुख नरम नहीं होता है तो ट्रंप सख्त कदम उठा सकते हैं। ऐसी भी संभावना है कि ट्रंप यूक्रेन को मिल रही अमेरिकी मदद पीछे खींच सकते हैं। अगर ऐसा होता है कि यूक्रेन के लिए मुश्किल काफी बढ़ जाएगी।

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पुतिन हो रहे खुश

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस को लेकर रूस काफी खुश है। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने एक बयान में कहा कि ट्रंप और वेंस का बातचीत के दौरान जेलेंस्की पर संयम दिखाना चमत्कार है। जेलेंस्की ने सबसे बड़ा झूठ यह बोला कि 2022 में युद्ध के दौरान कीव अकेला था।

जेलेंस्की के पास क्या विकल्प

अमेरिकी मीडिया में कहा जा रहा है कि यह पहली बार है कि जब किसी मेहमान के साथ वाइट हाउस में इस तरह का व्यवहार किया गया। ट्रंप काफी आक्रामक थे। ट्रंप ने यूक्रेन को उसके हाल में छोड़ देने की धमकी दी है। सीएनएन के चीफ़ इंटरनेशनल सिक्यॉरिटी कॉरस्पॉन्डेंट निक पैटन वाल्श का कहना है कि जेलेंस्की को दुनिया इस वक्त भले ही सबसे मुश्किल वक्त में देख रही है, लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी के शायद सबसे निर्णायक पल को पार कर लिया है। अब उनके पास सिर्फ दो ही विकल्प हैं।

पहला- जेलेंस्की ऐसा चमत्कार करें कि यूक्रेन इस परेशानी से निकल जाए और अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन को उसके हाल के लिए छोड़ दें। दूसरा विकल्प जेलेंस्की के लिए सबसे आसान हो सकता है- इस्तीफा दे देना। अगर जेलेंस्की इस विवाद के बाद यूक्रेन के भविष्य को बचान के लिए अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं और किसी दूसरे के हाथ में यूक्रेन के कमान चली जाती है तो शायद ट्रंप का रुख नरम हो सकता है। लेकिन फिर यहां एक परेशानी होगी, जो रूस के पक्ष में जाएगी। पुतिन बार-बार यूक्रेन में चुनाव कराने की वकालत कर रहे हैं। ट्रंप से मीटिंग के दौरान भी पुतिन ने यह मुद्दा उठाया था। बीच युद्ध में जेलेंस्की के इस्तीफा दे देने से यूक्रेन पर बड़ा राजनीतिक संकट आ सकता है। कुछ जानकार यह भी कह रहे हैं कि जेलेंस्की को अपने बर्ताव के लिए ट्रंप से माफी मांग लेनी चाहिए।

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