विदेशी हस्तक्षेप से घबराया कनाडा, लीडरशिप चुनाव से पहले भारत पर उठाई उंगली; बदलेंगे वोटिंग नियम?
- कनाडा के मुख्य चुनाव अधिकारी स्टेफान पेरो ने सुझाव दिया है कि विदेशी हस्तक्षेप को रोकने के लिए नेतृत्व चुनावों में केवल कनाडाई नागरिकों को वोट देने की अनुमति दी जानी चाहिए।
कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। इसकी वजह लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा का आगामी लीडरशिप इलेक्शन (नेतृत्व चुनाव) बताया जा रहा है। दरअसल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने नेतृत्व के प्रति बढ़ते असंतोष के मद्देनजर सोमवार को पद इस्तीफा दे दिया था। ट्रूडो के जाने के बाद कनाडा का अगला प्रधानमंत्री चुना जाना है। इसके लिए ट्रूडो की पार्टी यानी लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा लीडरशिप इलेक्शन आयोजित करने जा रही है। यह पहला मौका होगा जब हॉग आयोग की रिपोर्ट के बाद कोई राष्ट्रीय पार्टी नेतृत्व चुनाव आयोजित करेगी। इस रिपोर्ट में यह कहा गया था कि पिछले चुनावों में विदेशी सरकारों ने हस्तक्षेप किया था। रिपोर्ट में साफ तौर पर भारत और चीन का जिक्र था।
नेतृत्व चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप की संभावना
कनाडाई न्यूज चैनल सीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के मुख्य चुनाव अधिकारी स्टेफान पेरो ने सुझाव दिया है कि विदेशी हस्तक्षेप को रोकने के लिए नेतृत्व चुनावों में केवल कनाडाई नागरिकों को वोट देने की अनुमति दी जानी चाहिए। वर्तमान में, लिबरल पार्टी की नीति अंतरराष्ट्रीय छात्रों और गैर-स्थायी निवासियों को वोट देने की अनुमति देती है। स्टैटिस्टिक्स कनाडा के आंकड़ों के अनुसार, कनाडा में अब 30 लाख से अधिक गैर-स्थायी निवासी हैं। कनाडाई विशेषज्ञों का मानना है कि ये लोग विदेशी सरकारों के दबाव में आने के लिए अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
हॉग आयोग की रिपोर्ट में खुलासे
2023 में जारी हॉग आयोग की रिपोर्ट में बताया गया कि नेतृत्व चुनाव और नामांकन प्रक्रिया विदेशी हस्तक्षेप के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं। रिपोर्ट में कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS की जानकारी का हवाला देते हुए कहा गया कि चीन और भारत की सरकारें कनाडाई चुनावों में हस्तक्षेप कर चुकी हैं। लिबरल पार्टी के संचार निदेशक पार्कर लुंड ने कहा कि पार्टी अधिक से अधिक लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, "हमारी समावेशी प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि हम समुदायों की आवाज सुन सकें।" हालांकि, पार्टी ने संकेत दिया है कि वह अपनी 2016 की संविधानिक नीतियों में कोई बड़ा बदलाव करने की योजना नहीं बना रही है।
चुनाव प्रक्रिया और नियमों की ढील
लिबरल पार्टी के नेतृत्व चुनावों में मतदान के लिए जो नियम हैं, वे अन्य प्रमुख पार्टियों की तुलना में कम सख्त हैं। उदाहरण के लिए मतदाता के पास सरकारी आईडी के बजाय एक छात्र आईडी और लाइब्रेरी कार्ड जैसे साधारण दस्तावेज भी मान्य होते हैं। इसके अलावा, अगर कोई मतदाता अपना पता वेरीफाई नहीं कर पाता है, तो लिबरल पार्टी का एक अन्य पंजीकृत सदस्य उनके लिए वाउच कर सकता है। यानी उसकी जिम्मेदारी ले सकता है कि वह उस शख्स को जानता है।
2019 का विवादास्पद डॉन वैली नॉर्थ चुनाव
2019 में डॉन वैली नॉर्थ में हुए नामांकन चुनाव में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मतदान के कारण विवाद हुआ था। हॉग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को बस द्वारा मतदान केंद्र ले जाया गया, और उन्होंने हैं डोंग के समर्थन में वोट किया। डोंग पर आरोप लगा कि उन्हें चीनी कांसुलेट से मदद मिली, हालांकि उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया।
आगे की राह
लिबरल पार्टी के राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक इस सप्ताह होनी है, जिसमें आगामी चुनावों के लिए नीतियां तय की जाएंगी। पार्टी ने पुष्टि की है कि "कनाडा में अध्ययन कर रहे छात्रों" को मतदान का अधिकार दिया जाएगा। नेशनल सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस कमेटी ऑफ पार्लियामेंटेरियंस (NSICOP) और अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टियों के आंतरिक चुनावों को भी कड़ा कानूनी ढांचा प्रदान करने की आवश्यकता है। वर्तमान में, ये चुनाव कनाडा चुनाव अधिनियम के तहत नहीं आते।
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