एक टूटे हुए एसी ने लगभग बचा ली थी पूर्व हमास चीफ की जान, मोसाद भी हो गया था परेशान
- Israel hamas war: ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल होने आए हमास चीफ हानियेह की इजरायली खुफिया एजेंसी ने हत्या कर दी थी। हालांकि अब सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक एक टूटे हुए एसी ने लगभग मोसाद के मिशन पर पानी फेरकर हानियेह की जान बचा ही ली होती।
हमास के पूर्व चीफ इस्माइल हानियेह को इजरायल की खुफिया एजेंसी ने मार गिराया था। लेकिन मोसाद द्वारा प्लान किया गया यह हमला एक टूटे हुए एसी की वजह से नाकाम होते-होते बचा था।हालांकि बाद में एसी को ठीक कर दिया गया और यह हमला कामयाब रहा। इसके साथ ही इजरायल अपने सालों पुराने दुश्मन और 7 अक्टूबर को हुए हमले के मास्टरमाइंड को मारने में सफल रहा।
चैनल 12 की रिपोर्ट के मुताबिक 7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद इस्माइल हानियेह इजरायल की मोस्ट वांटेड हिट लिस्ट में शामिल हो गया था। लेकिन वह कतर में छिपकर बैठा हुआ था। अगर इजरायल उसे कतर में मारता तो फिर गाजा में फंसे उसके बंधकों को रिहा कराने की मुहिम खतरे में पड़ जाती। इसलिए उसे कतर से बाहर मारने की प्लानिंग की गई। मोसाद लगातार उसके कतर से बाहर निकलने का इंतजार कर रहा था। मई के महीने में ईरान के पूर्व राष्ट्रपति रईसी की मौत के बाद हानियेह ईरान पहुंचा। हानियेह को इसी समय मारने का प्लान था लेकिन कुछ गलतियों की वजह से यह प्लान फेल हो गया। इसके बाद मोसाद अगले राष्ट्रपति पजशिकयान के शपथ ग्रहण में हानियेह के आने का इंतजार करने लगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मोसाद के एजेंट्स को इस बात की जानकारी थी कि हानियेह जब भी ईरान आता है वह रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के गेस्ट हाउस सादत अबाद में ही रुकता है। ईरान की सिक्योरिटी के बाद भी मोसाद एजेंट्स ने गेस्ट हाउस में विस्फोटक फिट करना शुरू कर दिया। पूरा प्लान सही से काम कर रहा था हानियेह भी उसी कमरे में आकर रुका, जहां पर मोसाद ने विस्फोटक लगाए हुए थे लेकिन ऐन धमाके के पहले वहां का एसी खराब हो गया।
एसी खराब होने की वजह से हानियेह वहां से निकल गया। मोसाद के एजेंट्स को अपनी महीनों की मेहनत फेल होने का डर सताने लगा क्योंकि अगर हानियेह यहां से कहीं ओर चला जाता तो फिर उसे मार पाना मुश्किल हो जाता। लेकिन कुछ ही देर बाद एसी को ठीक कर दिया गया और हानियेह वापस उसी कमरे में आ गया।
रात के 1:30 पर मोसाद के एजेंट्स ने ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना तेज था कि इसमें न केवल हानियेह की जान चली गई बल्कि वह गेस्ट हाउस का वह कमरा भी बुरी तरह से बर्बाद हो गया। हालांकि इस हमले के बाद इजरायल की तरफ से कोई जिम्मेदारी नहीं ली गई लेकिन ईरान ने सार्वजनिक तौर पर इसमें इजरायल को जिम्मेदार ठहराया।
हमले की वजह से ईरान की सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। ईरान को पहले लगा कि इजरायल ने यहां पर मिसाइल हमला किया है। यही जानकारी ईरान के सुप्रीम लीडर को भी दी गई लेकिन फिर बाद में पता चला कि यह एक बम धमाका था। ईरान लगातार बदले की आग में उबलता रहा। अपनी जनता को भरोसे में लेने के लिए आखिर कार ईरान ने 1 अक्टूबर को इजरायल के ऊपर मिसाइलों से हमला कर दिया। हालांकि इस हमले से इजरायल को ज्यादा कोई नुकसान नहीं हुआ क्योंकि इजरायल और उसके सहयोगियों ने इस हमले को नेस्तानाबूद कर दिया।
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