अब रूस के पाले में है गेंद! 30 दिनों के युद्धविराम का प्रस्ताव लेकर पुतिन के पास जा रही ट्रंप की टीम
- अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल मॉस्को पहुंचने वाला है। इस टीम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी शामिल हैं।

यूक्रेन संकट को लेकर बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल मॉस्को के लिए रवाना हो गया है, ताकि रूस के साथ युद्धविराम की बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके। दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कुर्स्क क्षेत्र का दौरा किया, जहां हाल ही में रूसी सेना ने यूक्रेनी बलों से 100 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र और 12 बस्तियों पर फिर से कब्जा किया है।
अमेरिकी टीम की मॉस्को यात्रा
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल मॉस्को पहुंचने वाला है। इस टीम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी शामिल हैं, जो रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं। यह यात्रा सऊदी अरब के जेद्दा में हाल ही में हुई वार्ता के बाद हो रही है, जहां यूक्रेन ने अमेरिकी प्रस्ताव के तहत 30 दिनों के युद्धविराम को स्वीकार करने की सहमति दी थी। अमेरिका ने इसके बाद यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर लगी रोक को तुरंत हटाने का ऐलान किया था।
रुबियो ने कहा, "अब गेंद रूस के पाले में है। हम उम्मीद करते हैं कि मॉस्को इस प्रस्ताव पर सकारात्मक जवाब देगा, ताकि हम स्थायी शांति की दिशा में आगे बढ़ सकें।" उन्होंने कहा, “हम (रूसियों को) इस पेशकश से अवगत कराएंगे। यूक्रेन गोलीबारी रोककर बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है। और अब यह उन पर निर्भर करता है कि वे हां कहते हैं या ना। अगर वे ‘ना’ कहते हैं, तो दुर्भाग्यवश हमें पता चल जाएगा कि क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में क्या बाधा है।” ट्रंप ने भी संकेत दिए हैं कि वह इस सप्ताह पुतिन से फोन पर बात कर सकते हैं। यह कदम यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ पिछले महीने व्हाइट हाउस में हुई तनावपूर्ण बैठक के बाद उठाया गया है, जिसके बाद अमेरिका ने यूक्रेन को सहायता रोक दी थी।
क्रेमलिन ने फिलहाल अमेरिका और यूक्रेन के बीच सैन्य सहायता के संबंध में मंगलवार को हुए समझौते और यूक्रेन के साथ युद्ध-विराम की संभावनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्रि पेस्कोव ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि 30 दिन के युद्ध-विराम प्रस्ताव से जुड़े सवाल को “टाला न जाए।” उन्होंने कहा कि मॉस्को अमेरिका से इस संबंध में “विस्तृत जानकारी” मिलने का इंतजार कर रहा है और रूस उक्त जानकारी हासिल होने के बाद ही कोई रुख अपना सकता है।
पुतिन का कुर्स्क दौरा
इसी बीच, पुतिन ने कुर्स्क क्षेत्र का दौरा किया, जो पिछले सात महीनों से यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष का केंद्र रहा है। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उनकी सेना ने हाल ही में इस क्षेत्र में यूक्रेनी बलों से महत्वपूर्ण क्षेत्र वापस ले लिया है। कुर्स्क पर कब्जा यूक्रेन के लिए एक रणनीतिक चाल थी, जिसे उसने भविष्य की वार्ताओं में लाभ के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी। पुतिन ने अपने दौरे के दौरान सैनिकों से मुलाकात की और क्षेत्र में स्थिति का जायजा लिया, जिसे रूस अपनी संप्रभुता का हिस्सा मानता है।
आगे की राह
यूक्रेन ने 30 दिनों के युद्धविराम को स्वीकार कर लिया है, लेकिन रूस की प्रतिक्रिया अभी अस्पष्ट है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन इस प्रस्ताव को स्वीकार करने में जल्दबाजी नहीं करेंगे, क्योंकि वह अपनी सैन्य सफलताओं का लाभ उठाना चाहते हैं। दूसरी ओर, यूक्रेन के लिए यह युद्धविराम एक सांस लेने का मौका हो सकता है, लेकिन जेलेंस्की ने पहले कहा था कि वह ऐसी किसी शांति संधि को मान्यता नहीं देंगे, जिसमें यूक्रेन की भागीदारी न हो।
जेद्दा में वार्ता के बाद अमेरिका और यूक्रेन के बीच संबंधों में सुधार हुआ है, लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह अस्थायी युद्धविराम को स्वीकार नहीं करेंगे। मॉस्को में होने वाली आगामी बैठक इस संकट के भविष्य को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण हो सकती है। पूरी दुनिया की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या ट्रंप प्रशासन पुतिन को शांति की मेज पर लाने में सफल होगा, या यह संघर्ष और गहरा जाएगा।
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