Hindi Newsविदेश न्यूज़Ahead Donald trump inauguration China slaps dual use export ban on 28 US defence firms Lockheed Martin Raytheon in list

ताइवान को क्यों बेचा हथियार, ट्रंप के शपथ से पहले US पर चीन का बड़ा ऐक्शन; दो महाशक्तियों में नई तकरार

चीन ने गुरुवार (02 जनवरी) को एक सख्त कदम उठाते हुए अमेरिका की 28 रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगThu, 2 Jan 2025 08:51 PM
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ताइवान मुद्दे को लेकर चीन और अमेरिका में तनाव फिर गहरा गया है। एक तरफ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दो टूक कहा है कि चीन और ताइवान को एक होने से कोई नहीं रोक सकता, वहीं अमेरिका ने हाल के दिनों में ताइवान को हथियार बेचने की नई घोषणा की है। इसके बाद दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियां एक बार फिर आमने-सामने आ गई हैं। चीन ने गुरुवार (02 जनवरी) को एक सख्त कदम उठाते हुए अमेरिका की 28 रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

चीन ने यह कदम तब उठाया है, जब दो हफ्ते बाद नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण करने वाले हैं। माना जा रहा है कि ट्रंप के आने के बाद दोनों महाशक्तियों के बीच व्यापार युद्ध और गहरा सकता है क्योंकि ट्रंप अपने चुनाव अभियानों में चीन पर भारी टैक्स लगाने का ऐलान कर चुके हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया कदम में चीन ने जिन अमेरिकी रक्षा कंपनियों पर दोहरे उपयोग वाले निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है उनमें मशहूर कंपनी लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन और रेथियॉन मिसाइल्स एंड डिफेंस भी शामिल हैं।

इनके अलावा जनरल डायनेमिक्स, बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी भी प्रतिबंधित सूची में बड़े नामों में शामिल हैं। बीजिंग ने 28 में से 10 कंपनियों को वाशिंगटन द्वारा ताइवान को हथियार बेचने पर अविश्वसनीय संस्थाओं की सूची में भी डाल दिया है। बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इस कदम का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखना और अप्रसार सहित अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करना है। बीजिंग ने कहा है कि यह न्यूनतम कार्रवाई है।

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बता दें कि चीन ने अमेरिका की ओर से ताइवान को सैन्य बिक्री और सहयोग देने की नई घोषणाएं किए जाने के बाद विरोध जताया था और अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह ‘‘आग से खेल रहा है।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले दिनों ही रक्षा से जुड़े साजो सामान और सेवाओं तथा ताइवान के लिए सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए 57 करोड़ 10 लाख डॉलर तक के प्रावधान को मंजूरी दी है। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सैन्य बिक्री के लिए 29 करोड़ 50 लाख अमरेकी डॉलर की मंजूरी दी गई है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में अमेरिका से ताइवान को हथियारौं की सप्लाई बंद करने और ‘‘ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता को कमजोर करने वाले खतरनाक कदम’’ को रोकने का आग्रह किया गया। ताइवान एक लोकतांत्रिक द्वीप है जिस पर चीन सरकार अपना दावा करती है, जबकि अमेरिकी सैन्य बिक्री और सहायता का उद्देश्य ताइवान को खुद की रक्षा करने और चीन को हमला करने से रोकना है।

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