जयराम ठाकुर ने 35 लाख तो CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 लाख खर्चकर जीता हिमाचल विधानसभा चुनाव
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू चार महीने पहले हुए सम्पन्न हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने प्रचार पर सबसे कम खर्च करने वाले उम्मीदवार हैं। सुक्खू नादौन सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू चार महीने पहले हुए सम्पन्न हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने प्रचार पर सबसे कम खर्च करने वाले उम्मीदवार हैं। नादौन सीट से चुनावी मैदान में उतरे सुक्खू ने अपने चुनाव प्रचार पर महज 11 लाख 25 हजार रुपये ही खर्च किए थे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 35 लाख 34 हजार रुपये खर्च किए थे। सिराज सीट से चुनाव लड़ने वाले जयराम ठाकुर सबसे ज्यादा चुनावी खर्चा करने वाले विधायकों में तीसरे स्थान पर रहे।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और हिमाचल इलेक्शन वॉच ने जीते हुए विधायकों के चुनावी खर्च का विश्लेषण करने के बाद ये आंकड़े जारी किए हैं। दोनों संस्थाओं ने 66 विधायकों के शपथ पत्र का विश्लेषण किया है।
एडीआर द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, चुनाव प्रचार पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले टॉप-10 विधायकों में से आठ भाजपा के हैं। इनमें चौपाल से बलवीर वर्मा ने 36 लाख 92 हजार रुपये खर्च किए थे। उन्होंने तय बजट का 92 प्रतिशत खर्च किया था। सुलह से भाजपा के विपिन परमार ने 36 लाख 36 हजार रुपये खर्च कर दूसरे स्थान पर रहे। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 35 लाख 34 हजार रुपये के चुनाव खर्च के साथ तीसरे स्थान पर, जयसिंहपुर से कांग्रेस के विधायक यादवेंद्र गोमा 33 लाख 43 हजार रुपये खर्च के साथ चौथे स्थान पर, धर्मशाला से कांग्रेस के सुधीर शर्मा 33 लाख 06 हजार खर्च के साथ पांचवें स्थान पर, ऊना से भाजपा के सतपाल सत्ती 32 लाख 90 हजार खर्च के साथ छठे स्थान पर, करसोग से भाजपा उम्मीदवार 32 लाख 26 हजार के साथ सातवें स्थान पर, नूरपुर से भाजपा के रणवीर सिंह निक्का 32 लाख 24 हजार के साथ आठवें स्थान पर, कांगड़ा से कांग्रेस के पवन काजल 31 लाख 68 हजार के साथ नौंवे स्थान पर, जबकि बंजार से भाजपा के सुरेंद्र शौरी 31 लाख 57 हजार के साथ दसवें स्थान पर रहे।
रिपोर्ट के अनुसार, विधानसभा चुनाव में प्रचार पर सबसे कम धन खर्च करने वाले विधायकों में सबसे ऊपर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं। मुख्यमंत्री ने नादौन विधानसभा क्षेत्र से 11 लाख 25 हजार रुपये प्रचार पर खर्च किए थे। चंबा से कांग्रेस के नीरज नैय्यर ने 12 लाख सात हजार, ऊना के कुटलैहड़ से कांग्रेस के देवेंद्र कुमार ने 14 लाख 47 हजार, शाहपुर से कांग्रेस के केवल सिंह पठानिया ने 15 लाख 17 हजार, देहरा से निर्दलीय होशियार सिंह ने 16 लाख 27 हजार, कुसुम्पटी से कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह ने 16 लाख 61 हजार, चिंतपूर्णी से कांग्रेस के सुदर्शन सिंह बबलू ने 16 लाख 93 हजार, शिमला शहरी से कांग्रेस के हरीश जनार्था ने 17 लाख 14 हजार, भोरंज से कांग्रेस के सुरेश कुमार ने 17 लाख 50 हजार, रोहडृू से मोहन लाल ब्राक्टा ने 18 लाख पांच हजार रुपये खर्च किए।
दिलचस्प यह है कि सबसे कम खर्च करने वाले विधायकों में दस में से नौ कांग्रेस के हैं, जबकि एक निर्दलीय है। इनमें भाजपा का कोई भी विधायक शामिल नहीं है।
एडीआर और इलेक्शन वॉच ने आंकड़ों के हवाले से कहा है कि भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा खर्च किया है। भाजपा ने तय बजट के मुकाबले 72.2 प्रतिशत धनराशि खर्च की है, जबकि कांग्रेस ने 57.2 प्रतिशत धनराशि चुनाव प्रचार पर खर्च की। चुनाव आयोग ने 40 लाख रुपये अधिकतम चुनाव खर्च निर्धारित किया था। कांग्रेस के 40 विधायकों का औसतन चुनाव खर्च 22 लाख से ज्यादा रहा है, जबकि भाजपा के 24 विधायकों ने 28 लाख रुपये औसतन खर्च किए हैं। तीन निर्दलीय विधायकों ने प्रचार पर 20 लाख रुपये से ज्यादा की धनराशि खर्च की है। जो तय बजट का 52.2 प्रतिशत है।
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