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Hindi Newsहिमाचल प्रदेश न्यूज़conflict between Rajbhawan and Sukhu government on the appointment of vice chancellors

कुलपतियों की नियुक्ति पर राजभवन और सुक्खू सरकार में ठनी, राज्यपाल ने कहा- नहीं करूंगा...

मामले पर राज्यपाल शुक्ल बोले पद की गरिमा के खिलाफ़ कोई भी काम नहीं करूंगा। कुलपतियों की नियुक्ति पर विधान सभा में पारित सरकार के ही पास। हिमाचल के कृषि मंत्री के बयान पर भी राज्यपाल ने आपत्ति जताई।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाThu, 27 June 2024 12:11 PM
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हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में पारित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्तियों के विधेयक को लेकर हिमाचल राजभवन और कांग्रेस की सुक्खू सरकार में ठन गई है। सूबे के कृषि मंत्री के हालिया बयान पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आपत्ति जताई है। राज्यपाल ने गुरूवार को राजभवन में अचानक पत्रकार वार्ता बुलाई और कहा कि पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को लेकर कृषि मंत्री बार-बार बयान दे रहे हैं कि नियुक्ति सम्बंधी विधेयक मंजूरी के लिए राजभवन में अटका है, जबकि यह विधेयक राज्य सरकार के पास ही है। राजभवन ने इसे टिप्पणी के लिए राज्य सरकार को भेजा है, जिस पर सरकार ने फैसला लेना है, ऐसे में राजभवन पर दोषारोपण करना गलत है। इस मामले पर राज्यपाल शुक्ल बोले पद की गरिमा के खिलाफ़ कोई भी काम नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कुलपतियों की नियुक्ति पर विधान सभा में पारित सरकार के ही पास। कृषि मंत्री के बयान पर भी राज्यपाल ने आपत्ति जताई।

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि कृषि मंत्री का यह भी बयान आया है कि राजभवन में राज्यपाल के पास विधेयक को लेकर पत्रावली पड़ी है लिहाजा नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि राजभवन की तरफ़ से इसमें कोई देरी नहीं हुईं है। विधेयक में सरकार ने संशोधन कर कहा है कि सरकार की सहमति के आधार पर कुलपति की नियुक्ति की जाए क्योंकि पैसा सरकार देती है इसलिए जो नाम सरकार भेजे उसे ही राज्यपाल अपनी सहमति दें जबकि नियमों में ऐसा नहीं है। 

राज्यपाल ने कहा कि नियमों के मुताबिक यूजीसी, राज्यपाल और सरकार तीनों के प्रतिनिधि की सहमति से कुलपति की नियुक्ति होती है। ऐसा देश में किसी भी राज्य में कोई प्रावधान नहीं है हिमाचल में ही पहली बार ऐसा होगा। ऐसी स्थिति में विधेयक पहली बार राष्ट्रपति को भेजने पर राजभवन विचार करेगा।

उन्होंने आगे कहा कि राजभवन ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए पुराने नियमों के अनुसार ही कमेटी का गठन किया है जो कुलपति को खोजने का काम कर रही है लेकिन एक साल से कुलपति खोज नहीं सकी है। कुलपति की नियुक्ति न होने में राजभवन का कोई दोष नहीं है। मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। राज्यपाल ने कहा कि मैं नियम के विरुद्ध कोई भी काम नहीं करूंगा, राज्यपाल के पद की गरिमा बनाए रखने के लिए कुछ भी करूंगा। यह विधेयक सरकार के पास ही है और सरकार को ही उसमें निर्णय लेना है।

वहीं राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बिगड़ती कानून व्यवस्था के सवाल पर कहा कि कानून व्यवस्था बहुत बिगड़ गई है। ऐसा नही कह सकते लेकिन शांत प्रदेश में अगर कुछ भी घटना होती है तो प्रदेश की बदनामी होती है ऐसे में सरकार को इसकी चिंता होनी चाहिए। वहीं राज्यपाल ने ट्राइबल एरिया में भूमिहीनों को नौतोड़ भूमि देने को लेकर कहा कि राजभवन को नौतोड़ भूमि देने में कोई आपत्ति नहीं हैं। राजभवन ने इसमें सरकार से लाभार्थियों की संख्या पूछी है जैसे ही जवाब मिलेगा राजभवन इसे भी मंजूरी दे देगा।

रिपोर्ट: यूके शर्मा

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