शपथ लेने नहीं पहुंचे और मीटिंग छोड़ दी, अब नरम पड़े अनिल विज; बोले- मैं तो भक्त हूं
हरियाणा के पूर्व मंत्री अनिल विज के तेवर नरम पड़ गए हैं। उन्होंने बुधवार को फ्लोर टेस्ट से पहले खुद को भाजपा का भक्त बताया। उन्होंने कहा कि हालात बदलते रहते हैं, लेकिन हमें पार्टी के लिए काम करना है।
हरियाणा के पूर्व मंत्री अनिल विज बुधवार को नायब सिंह सैनी सरकार के फ्लोर टेस्ट में पहुंचे। उन्होंने सरकार के पक्ष में मतदान करने का ऐलान किया है। इसके अलावा मंगलवार को मीटिंग छोड़कर निकलने और शपथ न लेने पर भी बात की। उन्होंने अपने गुस्से को लेकर कहा कि मैं भाजपा का भक्त हूं। चंडीगढ़ निकलने से पहले अनिल विज ने कहा, 'मैं भाजपा का भक्त हूं। स्थितियां बदलती रहती हैं, लेकिन हमें हर परिस्थिति में भाजपा के लिए काम करना है। मैं आज भी पहले से भी ज्यादा ताकत से काम कर रहा हूं। हालात बदल सकते हैं, लेकिन मैं काम करता रहूंगा।'
इससे पहले मंगलवार को वह विधायक दल की उस मीटिंग से बीच में ही गुस्सा होकर निकल गए थे, जिसमें नायब सिंह सैनी को सीएम चुना गया। तब पार्टी सूत्रों का कहना था कि अनिल विज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना था कि वह सीनियर नेता हैं, इसलिए उन्हें सीएम पद मिलना चाहिए था। यही नहीं गुस्साए अनिल विज शाम को शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं पहुंचे थे। वहीं मनोहर लाल खट्टर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अनिल विज नाराज हैं। यह उनका स्वभाव है, वह अकसर गुस्सा हो जाते हैं। लेकिन फिर मान भी जाते हैं। हम उनको मना लेंगे, वह हमारे वरिष्ठ नेता हैं।
अब बुधवार को मनोहर लाल खट्टर की बात सही होती दिख रही है। मंगलवार को गुस्से में निकले अनिल विज ने आज खुद को भाजपा का भक्त बताया। मनोहर लाल खट्टर ने तो यहां तक कहा कि अनिल विज का नाम सूची में था और उन्हें मंत्री के तौर पर शपथ लेनी थी। लेकिन वह मौके पर पहुंचे ही नहीं। माना जा रहा है कि अनिल विज के अब राजी होने के बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। अंबाला से लगातार 6 बार से विधायक चुने जा रहे अनिल विज उस दौर से भाजपा के मजबूत नेताओं में से एक हैं, जब हरियाणा में पार्टी तीसरे नंबर पर रहा करती थी।
इस बीच दुष्यंत चौटाला की पार्टी में भी बिखराव साफ दिख रहा है। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के 5 विधायक वॉकआउट कर गए। उससे पहले ये लोग सदन में मौजूद थे, लेकिन प्रस्ताव रखते ही वॉकआउट कर गए। इस तरह इन विधायकों ने सरकार के विरोध में मतदान नहीं किया बल्कि गैरहाजिर रहकर एक तरह से उसकी मदद ही की। माना जा रहा है कि ये लोग भाजपा के करीब हैं और आने वाले समय में उसमें शामिल हो सकते हैं। इनमें से एक विधायक जोगी राम सिहाग को तो कल भाजपा की मीटिंग में भी जाते हुए देखा गया था। यही नहीं 4 विधायक तो शपथ ग्रहण समारोह में भी दिखे थे।
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