जवाहर लाल नेहरू को खट्टर ने बताया एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, भड़के भूपेंद्र हुड्डा ने दिया जवाब
- हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेदकर का कांग्रेस ने पूरा सम्मान किया। वे संविधान निर्माण सभा के चेयरमैन थे। उनकी संविधान बनाने में अहम भूमिका रही। उन्होंने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन का कोई मतलब नहीं है।
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जवाहर लाल नेहरू को एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर कहने के हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा भड़क गए हैं। हुड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि खुद मनोहर लाल एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर रहे। उनके पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। जनता का ध्यान भटकाने के लिए वह ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। हुड्डा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल 9 साल के करीब प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन आज उनके पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है इसलिए कांग्रेस की आलोचना करते रहते हैं।
'भाजपा संविधान ही खत्म करना चाहती'
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेदकर का कांग्रेस ने पूरा सम्मान किया। वे संविधान निर्माण सभा के चेयरमैन थे। उनकी संविधान बनाने में अहम भूमिका रही। उन्होंने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस ने केवल संविधान में संशोधन किए थे, जबकि भाजपा संविधान को ही खत्म करना चाहती है। कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर हुड्डा ने कहा कि दिल्ली में भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए बंगले को मुद्दा बनाया जा रहा है, जो सरकारी है। कांग्रेस दिल्ली चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी। ईवीएम को लेकर हुड्डा ने कहा कि चुनाव आयोग की स्थिति के बारे में सबको पता है। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
मनोहर लाल ने कहा था- सरदार वल्लभ भाई पटेल या डॉ. अंबेडकर को बनाना था पीएम
पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि देश के आर्थिक विकास में भी डॉ. अंबेडकर की अहम भूमिका रही, वे देश के अग्रणी नेता थे। मैं तो कहता हूं कि जवाहर लाल नेहरू बीकेम द प्राइम मिनिस्टर बाई एक्सीडेंट। उनकी जगह सरदार वल्लभ भाई पटेल या डॉ. भीमराव अंबेडकर को आगे लाया जा सकता था। हालांकि यह उस समय का निर्णय था। किसी न किसी को तो बनना था। उन्होंने ये बात रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में लोगों को संबोधित करते हुए कही। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मैं यह कहना चाहूंगा कि इस देश का संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ है और हमें इसे आकार देने में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के योगदान को हमेशा याद रखना चाहिए। हमें समय-समय पर इस पर चिंतन करना चाहिए। डॉ. अंबेडकर ने भी कठिनाइयों का सामना किया था। उनकी मृत्यु के बाद उन्हें दिल्ली में दाह संस्कार के लिए जगह नहीं दी गई थी।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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