Hindi Newsगुजरात न्यूज़Supreme Court notice to Gujarat government on Asaram Bapu bail plea

80 साल से ऊपर का हूं और स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, आसाराम की याचिका पर गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

दरअसल, अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में आसाराम के आश्रम में 1997 से 2006 के बीच रहने वाली सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं।

Praveen Sharma नई दिल्ली | एएनआई, Sat, 13 Aug 2022 04:54 PM
share Share

सुप्रीम कोर्ट ने स्वयंभू संत आसाराम बापू द्वारा दायर याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आसाराम द्वारा इस आधार पर जमानत मांगी गई है कि उसकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है और उसका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने गुजरात सरकार से जवाब मांगा और मामले की सुनवाई 7 सितंबर को तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के बलात्कार के एक मामले में जमानत अर्जी खारिज किए जाने के खिलाफ जेल में बंद आसाराम की ओर से दायर अपील पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। बेंच ने गुजरात हाईकोर्ट के 10 दिसंबर, 2021 के आदेश को चुनौती देने वाली आसाराम की अर्जी पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।

आसाराम ने यह कहते हुए जमानत मांगी कि मुकदमे के निष्कर्ष पर पहुंचने का कोई संकेत नहीं है। 2018 में आसाराम को राजस्थान की एक विशेष अदालत ने अपने आश्रम में एक नाबालिग के साथ बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

बेंच ने कहा कि संबंधित फैसले की प्रमाणित प्रति और आधिकारिक अनुवाद की कॉपी दाखिल करने से छूट के लिए आवेदन को मंजूरी दी जाती है। नोटिस जारी किया जाए और उसका जवाब सात सितंबर, 2022 तक दिया जाए।

अपनी जमानत अर्जी में आसाराम ने इस आधार पर राहत का अनुरोध किया है वह 80 वर्ष से अधिक उम्र का है और उसका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। आसाराम को 2018 में राजस्थान की एक विशेष अदालत ने अपने आश्रम में एक नाबालिग से बलात्कार करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में आसाराम के आश्रम में 1997 से 2006 के बीच रहने वाली सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी। बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ अपनी शिकायत में उस पर 2001 से 2006 के बीच कई बार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जब वह अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में उनके आश्रम में रह रही थी। 

26 अप्रैल, 2019 को सूरत की एक अदालत ने नारायण साईं को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी), और 120-बी (साजिश) के तहत दोषी ठहराया। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें