अंतरिक्ष से ऐसा दिख रहा है महाकुंभ 2025 का अद्भुत नजारा, NASA ने जारी कीं तस्वीरें
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के एस्ट्रोनॉट डॉन पेटिट ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से महाकुंभ 2025 की फोटोज क्लिक की हैं। अंतरिक्ष से क्लिक की गईं इन फोटोज में टेंट सिटी का नजारा दिखा है।
MahaKumbh 2025 Space Images: सदी के सबसे बड़े आयोजनों में से एक महाकुंभ 2025 इन दिनों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहा है और करोड़ों लोग इसका हिस्सा बनने संगम तट पर पहुंच रहे हैं। पूरे 45 दिन तक चलने वाले इस आयोजन की भव्यता का अंदाजा इसबात से लगाया जा सकता है कि इसके लिए संगम तट पर पूरा शहर बसाया गया है और कुल 40 करोड़ से ज्यादा लोग इस आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं। अब अंतरिक्ष से महाकुंभ का नजारा सामने आया है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के एस्ट्रोनॉट डॉन पेटिट ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से महाकुंभ 2025 स्थल की फोटोज क्लिक की हैं और रात के अंधेरे में पूरा क्षेत्र जगमगाता नजर आ रहा है। आपको बता दें कि स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा में करीब 408 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। डॉन जाने-माने एस्ट्रोफोटोग्राफर हैं और अंतरिक्ष से पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों की फोटोज क्लिक करते रहते हैं।
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और मोबाइल देखेंफोटोज में दिखा टेंट सिटी का नजारा
डॉन पेटिट ने लोकप्रिय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X (पहले Twitter) पर महाकुंभ 2025 से जुड़ी फोटोज शेयर की हैं। इन फोटोज में संगम तट पर बनाई गई टेंट सिटी का नजारा दिख रहा है, जो रात के अंधेरे में चमकती हुई नजर आ रही है। उन्होंने दो फोटोज शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “ISS से गंगा तट पर हो रहे महाकुंभ मेला 2025 का रात का नजारा। दुनिया का सबसे बड़ा मानव समागम रात में अच्छे से जगमगा रहा है।”
मौनी अमावस्या से ठीक पहले शेयर की गईं इन फोटोज को सोशल मीडिया पर रीशेयर किया जा रहा है और सैकड़ों यूजर्स इसपर टिप्पणी कर रहे हैं। इन फोटोज को 36 हजार से ज्यादा X यूजर्स ने लाइक किया है। आपको बता दें, महाकुंभ 2025 के दौरान होने वाले छह शाही स्नान में से दो हो चुके हैं और बाकी चार की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का शाही स्नान सबसे बड़ा होने की उम्मीद है और इसे लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
पृथ्वी के चक्कर लगाता है स्पेस स्टेशन
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पृथ्वी की कक्षा में मौजूद एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला है, जिसे अमेरिका, रूस और सहयोगी देशों ने मिलकर तैयार किया है। इसमें एस्ट्रोनॉट्स और रिसर्चर्स की टीम मौजूद रहती है और अंतरिक्ष से जुड़े खास प्रयोग कर रही है। यह 7.6 किलोमीटर प्रतिसेकेंड की स्पीड से लो-अर्थ ऑर्बिट यानी निचली कक्षा में पृथ्वी के चक्कर लगाता है। इस दौरान 24 घंटे में यह 16 बार पृथ्वी के चक्कर लगाता है और धरती के अलग-अलग हिस्सों की फोटोज क्लिक की जा सकती हैं।
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