यह मानना मूर्खता होगी कि…रवि शास्त्री को उम्मीद BGT में जख्मी ऑस्ट्रेलिया करेगा पलटवार
- ऑस्ट्रेलिया को BGT के पहले टेस्ट में भारत के हाथों शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन रवि शास्त्री का मानना है कि इससे टीम में घबराने या किसी तरह की प्रतिक्रिया करने की जरूरत नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में भारत के हाथों शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन रवि शास्त्री का मानना है कि इससे टीम में घबराने या किसी तरह की प्रतिक्रिया करने की जरूरत नहीं है। भारत ने पहली पारी में 150 रन पर ऑलआउट होने के बावजूद पर्थ टेस्ट में मेजबानों को 295 रनों के बड़ अंतर से धूल चटाई थी। इस जीत के साथ भारत ने 5 मैच की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई।
ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के बारे में कई लोगों ने जल्दी से निष्कर्ष निकाल लिया है, जिसमें डेब्यू करने वाले नाथन मैकस्वीनी की आलोचना से लेकर आक्रामक भारतीयों से निपटने के लिए बदलाव की जरूरत तक शामिल है। हालांकि शास्त्री ने सभी तरह की अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि यह मानना मूर्खता होगी कि गत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चैंपियन वापसी नहीं कर सकते। उन्होंने मेजबान टीम पर भरोसा जताया कि हार के बाद वे कोई 'आवेगपूर्ण' प्रतिक्रिया नहीं करेंगे।
रवि शास्त्री ने कोडस्पोर्ट्स के लिए अपने कॉलम में लिखा, "जब आपके पास गोलियां न हों या सही गोला-बारूद न हो, तो जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। मैंने पिछले दो दिनों में पर्थ में ऑस्ट्रेलिया की हार पर बहुत ज्यादा प्रतिक्रियाएं देखी हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऑप्टस स्टेडियम में जो कुछ हुआ, उस पर कोई भी प्रतिक्रिया होनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया जैसी शीर्ष टीमें ऐसा नहीं करती हैं। मुझे एडिलेड के लिए कोई बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।"
पर्थ टेस्ट में भारत कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल के बिना खेला था, वहीं टीम में रवि अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे स्टार खिलाड़ियों को भी जगह नहीं मिली थी। इसलिए, शास्त्री ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को यह भी याद दिलाया कि वे भारतीयों को नजरअंदाज न करें, भले ही उनके सितारे बाहर हों, और इसके बजाय उन्हें मेहमान टीम का मुकाबला करने के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ संयोजन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
पूर्व भारतीय कोच ने आगे कहा, "ऑस्ट्रेलिया को पहली या दूसरी या तीसरी बार यह एहसास हुआ होगा कि भारतीय टीम में कभी भी आत्मविश्वास की कमी नहीं होती, चाहे उनके पास कितने भी स्टार खिलाड़ी क्यों न हों। और खासकर तब जब उनके पास जसप्रीत बुमराह जैसा नई गेंद से बेहतरीन गेंदबाज हो जो अपने करियर के सबसे बेहतरीन दौर में हो। वह भी तब जब आपके पास शीर्ष क्रम में अस्थिरता हो, कम से कम मौजूदा फॉर्म के आधार पर तो यही कहा जा सकता है।"
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