मैं अनादर नहीं कर रहा लेकिन…राहुल द्रविड़ ने बताया कैसे शहरी क्रिकेटरों का दबदबा हुआ खत्म?
टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ ने बढ़ते 'टैलेंट पूल' की तारीफ की है। उन्होंने बताया कि कैसे शहरी क्रिकेटरों का दबदबा खत्म हुआ? भारत ने द्रविड़ की कोचिंग में टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीता था।
महान खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने रविवार को कहा कि बढ़ते प्रतिभा पूल की बदौलत भारतीय क्रिकेट एक ‘बेहद शक्तिशाली’ ताकत के रूप में विकसित हुआ है और यह अब देश के सुदूर कोने तक भी फैल गया है। टी20 वर्ल्ड कप में भारत की जीत के सूत्रधार रहे द्रविड़ ने कहा कि एक मजबूत क्लब क्रिकेट संस्कृति का राष्ट्रीय टीम में शहर के क्रिकेटरों के दबदबे की पुरानी प्रवृत्ति को खत्म करने में काफी योगदान है।
माउंट जॉय क्लब के 50वें वर्ष के जश्न के दौरान भारत के पूर्व कोच ने कहा, ''अगर आप आज भारतीय क्रिकेट को देखें, तो भारतीय क्रिकेट बेहद मजबूत है, यह बेहद शक्तिशाली है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि प्रतिभाएं हर जगह से, देश के हर कोने से आती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर आप जीआर विश्वनाथ के समय में जाएं या जब मैं अपना करियर शुरू कर रहा था, तब भी ज्यादातर प्रतिभाएं बड़े शहरों या कुछ चुनिंदा राज्यों से आती थीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘छोटी जगहों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी क्रिकेट खेलने के लिए बड़े शहरों में आना पड़ता था। मेरा मानना है कि मौजूदा दौर में आप देख रहे हैं कि भारतीय क्रिकेट में हर जगह से खिलाड़ी आ रहे हैं।’’ द्रविड़ में भारतीय क्रिकेट के बढ़े हुए स्तर का उदाहरण घरेलू क्रिकेट से दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘आप अब रणजी ट्रॉफी के स्तर को देखिए, आप किसी भी टीम को हलके में नहीं ले सकते है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी का अनादर नहीं कर रहा हूं लेकिन जब मैंने खेलना शुरू किया था तब दक्षिण क्षेत्र में तमिलनाडु और हैदराबाद को छोड़कर हम अन्य टीमों के प्रति थोड़े आश्वस्त होकर खेलते थे लेकिन अब आप ऐसा नहीं कर सकते है। हर टीम मजबूत है।’’
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